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उज्जैन में अंतर्राष्ट्रीय आभासी काव्य संगोष्ठी का आयोजन संपन्न

मध्य प्रदेश। नागरी लिपि परिषद् , मध्य प्रदेश एवं राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, उज्जैन के तत्वावधान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आभासी काव्य संगोष्ठी विषय – पावस ऋतु एवं डॉ. हरिसिंह पाल जी के जन्मोत्सव कार्यक्रम में नागरी लिपि परिषद, नई दिल्ली के महामंत्री, डॉ. हरिसिंह पाल ने अपना मंतव्य देते हुए कहा- पाठक को मानव कल्याण से जोड़ें । जिसमें मानव कल्याण होता है, वही सत् साहित्य होता है। कहते हुए जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण का संदेश दिया।

उज्जैन में अंतर्राष्ट्रीय आभासी काव्य संगोष्ठी का आयोजन संपन्न

डॉ. शहाबुद्दीन नियाज़ मोहम्मद शेख, पुणे, कार्यकारी अध्यक्ष, नागरी लिपि परिषद , नई दिल्ली ने कहा – डॉ.पाल की कृपा और मार्गदर्शन से हर संस्था गौरवान्वित हो रही है। मुख्य वक्ता डॉक्टर शैलेंद्र कुमार शर्मा, हिंदी विभाग अध्यक्ष, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने कहा – एक पेड़ का रोपण करना । अश्वमेध यज्ञ के समान है। धरती के श्रंगार के लिए पौधे लगाएं।

नॉर्वे से जुड़े सुरेशचंद्र शुक्ल “शरद आलोक” ने कहा – निष्पक्ष रूप से कार्य करते हैं डॉ. हरिसिंह पाल। अध्यक्षीय भाषण में कार्यकारी अध्यक्ष, सुवर्णा जाधव ने कविता सुनाई ” सदा मुस्कुराने वाला पेड़ उदास दिखाई दिया।” काव्य-पाठ में डॉ. रश्मि चौबे, मुख्य महासचिव, महिला इकाई ने “वृक्ष तुम्हें बारंबार नमन ” कविता सुनाई। गरिमा गर्ग, महासचिव, महिला इकाई, सचिव, डॉ संगीता पाल, सुनीता सिंह, सुनीता राठौर ने काव्य-पाठ में भाग लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. संगीता पाल , कच्छ की सरस्वती वंदना के साथ हुआ। स्वागत भाषण मुख्य महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने दिया। संस्था परिचय एवं डॉ. हरिसिंह पाल के बहुआयामी व्यक्तित्व का परिचय डॉ. रश्मि चौबे , मुख्य महासचिव, महिला इकाई ने दिया। डॉ. सुनीता मंडल, कोलकाता ने भी अपना वक्तव्य दिया। कार्यक्रम का संचालन स्लाइड डाॅ मुक्ता कौशिक ने आभार डॉ दीपिका सुतोदिया ने माना समारोह मे गोकुलेश्वर द्विवेदी, विनोद कुमार बघेल , आयुष शेख, डॉ.रोहिणी डाबरे, महाराष्ट्र आदि अन्य अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।

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