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iPhone में इंसान के शरीर से 2.5 गुना ज्यादा खनिज, जानिए कितने और कौन से?

पीरियोडिक टेबल में कुल 118 खनिज हैं. लेकिन आपके शरीर में इनमें से सिर्फ 30 खनिज यानी एलीमेंट्स हैं. जबकि, एक आईफोन (iPhone) में 75 खनिज मौजूद हैं. यानी आपके शरीर से 2.5 गुना ज्यादा खनिज. हमारे शरीर में जो खनिज होते हैं उनका उपयोग दोबारा हो सकता है. यानी वो रीन्यूएबल होते हैं. आइए जानते हैं कि इसमें कौन-कौन से महत्वपूर्ण खनिज हैं.

आईफोन में ज्यादातर खनिज ऐसे हैं जिनका दोबारा उपयोग नहीं हो पाता. इसलिए यूनिवर्सिटी ऑफ प्लेमाउथ (University of Playmouth) के वैज्ञानिकों ने आईफोन को ब्लेंडर में डालकर चूरा कर दिया. इसके बाद रासायनिक प्रक्रियाओं से सारे खनिज अलग किए. उनकी मात्रा का पता किया.

आईफोन (iPhone) में सबसे ज्यादा उपयोग एल्यूमिनियम (Aluminium) और सफायर ग्लास (Safire Glass) का होता है. एल्यूमिनियम से कई हिस्से बनते हैं. सैफायर ग्लास से कैमरा बनता है. ये हीरे की तरह मजबूत होता है.

आईफोन (iPhone) की बैट्री में कोबाल्ट (Cobalt), ग्रेफाइट (Graphite), लिथियम (Lithium) और एल्यूमिनियम (Aluminium) का उपयोग होता है. इनमें लिथियम-ऑयन बैट्री लगी होती हैं.

सिलिकॉन (Silicon), फॉस्फोरस (Phosphorus), एंटीमोनी (Antimony), आर्सेनिक (Arsenic), बोरोन (Boron), इंडियम (Indium) और गैलियम (Gallium) का उपयोग आईफोन (iPhone) के प्रोसेसर बनाने में होता है.

आईफोन (iPhone) के माइक्रोइलेक्ट्रिकल्स हिस्सों के लिए जिन खनिजों का उपयोग होता है उसमें सोना (Gold), चांदी (Silver), तांबा (Copper) और टंगस्टन (Tungsten) शामिल हैं. यहीं पर माइक्रोकैपेसिटर्स को बनाने के लिए टैंटेलम (Tantalum) का उपयोग किया जाता है.

आईफोन (iPhone) के ध्वनि एवं वाइब्रेशन वाले यंत्रों के लिए जिन खनिजों का उपयोग होता है उनमें शामिल हैं – निकल (Nickel), नियोडाइमियिम (Neodymium), प्रेसियोडिमियम (Praseodymium), डाइप्रोसियम (Dyprosium) और लोहा (Iron).

आईफोन (iPhone) की स्क्रीन जिस पर उंगलिया घुमाकर कुछ भी कर सकते हैं, वो स्क्रीन आखिरकार किस चीज से बनी होती है. इनमें लगते हैं ढेर साले खनिज. स्क्रीन के लिए एल्यूमिनियम (Aluminium), सिलिकॉन (Silicon), पोटैशियम (Potassium), इंडियम (Indium), टिन (Tin) और दुर्लभ धातु (Rare Earth Elements).

दुर्लभ धातु (Rare Earth Elements) का उपयोग स्क्रीन पर अलग-अलग रंगों को लाने के लिए किया जाता है. आपको बता दें कि किसी भी आम फोन में पीरियोडिक टेबल के 118 खनिज, रसायनिक पदार्थों और धातुओं में से 62 का उपयोग किया जाता है. लेकिन आईफोन (iPhone) में कुल 75 एलीमेंट्स का उपयोग होता है.

आखिरकार ये दुर्लभ खनिज पदार्थ आते कहां से हैं? इनमें से ज्यादातर खनिज और धातु खदानों से निकाले जाते हैं. दुनिया भर की कई मोबाइल कंपनियां चीन में अपना उत्पादन यूनिट इसलिए खोलती हैं क्योंकि वहां पर दुनिया के सबसे ज्यादा खनिज और दुर्लभ धातु मौजूद हैं. वहीं पर इन रेयर अर्थ मेटल्स के खदान हैं.

यूनिवर्सिटी ऑफ प्लेमाउथ (University of Playmouth) के वैज्ञानिकों ने आईफोन (iPhone) के चूरे को जब अलग-अलग किया तो हैरान रह गए. इस प्रयोग को करने वाले प्रोफेसर कॉलिन विलकिंस ने कहा कि हम दुनिया को दिखाना चाहते थे कि जिस फोन को लोग अपनी जेब में शौक से रखते हैं उसमें कितने प्रकार के एलिमेंट्स होते हैं.

कॉलिंस ने बताया कि जितने खनिज आईफोन (iPhone) में होते हैं उनका उपयोग 33 ग्राम लोहा, 6 ग्राम तांबा, 2.7 ग्राम निकल, 0.7 ग्राम टिन, 900 मिलिग्राम टंगस्टन, 70 मिलिग्राम कोबाल्ट आदि होते हैं. यानी सभी खनिज इतनी कम मात्रा में होते हैं. लेकिन किसी भी एक खनिज को उसके असरी रूप से उपयोगी रूप में लाने के लिए 10 से 15 किलोग्राम अयस्क की जरूरत होती है.

 

यानी एक आईफोन (iPhone) को बनाने में 10 से 15 किलोग्राम अयस्क लगते हैं. ऐसा नहीं है कि इससे पहले आईफोन के खनिजों को खोजा नहीं गया. कंपनी खुद अपनी साइट पर इसकी जानकारी देती है कि वो कितने एलिमेंट्स का उपयोग करती है. लेकिन किसी एक स्मार्टफोन को बनाने में इतने खनिज लगते हैं ये अपने-आप में रोचक जानकारी है.

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