लखनऊ। विधानसभा सदन के अंदर विस्फोटक मिलना सुरक्षा में एक बड़ी चूक है मगर सवाल भी है कहीं सरकार को घेरने के लिए इस करतूत को अंजाम तो नहीं दिया गया। कोई माननीय जी इसके सूत्रधार तो नहीं। यह सवाल इसलिए भी लाजमी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इशारों इशारों में इस बात को कह गए। उन्होंने सुरक्षा मानकों का हवाला देते हुए विधायकों और मंत्रियों से उनका मोबाइल फोन व बैग सदन के बाहर रखकर आने की अपील कर दी। विधानसभा तीन सुरक्षा घेरे के चक्र में रहता है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मी तैनात है। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी होती है। बावजूद इसके विधानसभा सदन के अंदर बिस्फोटक पहुंच गया। वह भी सपा विधायक मनोज पांडेय की कुर्सी के नीचे। सूत्रों की माने तो विधानसभा की सुरक्षा घेरे को तोड़ना इतना आसान नहीं है। कोई भी बाहरी व्यक्ति सदन के इर्द गिर्द भी नहीं फटक सकता। सदन के अंदर सिर्फ माननीयों का ही बेधड़ आना-जाना होता है। उन्हें ही ुसुरक्षा मानकों से इतर रखा गया है। वह अपने साथ कुछ भी अंदर लेकर जा सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि विधानसभा के अंदर बिस्फोटक का मिलना जांच का विषय तो है ही लेकिन इसके पीछे शरारतीय तत्वों का हाथ हैं। जो सरकार को घेरना चाहते हैं।