सीरिया में ईरानी दूतावास पर हुए इस्राइली हमले के बाद ईरान ने भी इसका जवाब दिया है। पहले ईरानी नौसेना ने इस्राइली अरबपति के भारत जा रहे कंटेनर जहाज पर कब्जा कर लिया। इसके बाद उसने इस्राइल पर ड्रोन और मिसाइल से हमले किए। जिसके बाद कहा जा सकता है कि पश्चिमी एशिया में एक और युद्ध की शुरुआत हो गई है। भारत में इस्राइल के राजदूत नाओर गिलोन ने ईरान के इस हमले को हमास से जोड़ते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ईरान पर हमला बोलते हुए कहा कि ईरान हमास का आर्थिक मदद देता है, इतना ही नहीं हमास के लड़ाकों को ईरान के संरक्षण में ही प्रशिक्षण दिया जाता है। इस दौरान उन्होंने इस्राइल में भारतीय मजदूरों को लेकर भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने भारत से मजदूरों को इस्राइल भेजने की अपील करते हुए कहा कि वे वहां सुरक्षित रहेंगे। भारतीय मजदूर हमारे लिए किसी इस्राइली से कम नहीं हैं।
मीडिया से बात करते हुए गिलोन ने कहा, “ये श्रमिक वहां किसी इस्राइली से कम नहीं हैं। जैसा कि आपने देखा, कल रात इस्राइल ने नागरिकों को बचाने के लिए बड़ा प्रयास किया गया। हम इसमें सफल भी हुए। भविष्य में भी हम ऐसा ही करेंगे। हम भारतीय श्रमिकों को भी इस्राइल के नागरिक के तौर पर मानते हैं। वे वहां उतना ही सुरक्षित है, जितना की इस्राइली नागरिक।”
इस्राइल पर ईरान द्वारा रॉकेट दागे जाने पर उन्होंने कहा, “कल जो हुआ वह यह है कि ईरान ने इसे छद्म युद्ध से बदलकर इस्राइल पर सीधे हमले में बदलकर रख दिया। उन्होंने हमारे क्षेत्र के कुछ साथियों के साथ मिलकर 331 विभिन्न प्रकार के रॉकेट और क्रूज मिसाइल दागे। लेकिन इस्राइली सुरक्षा बलों और वायु सेना की क्षमता के कारण हम 99 प्रतिशत रॉकेटों को रोकने में सफल रहे। दुर्भाग्यवश इस दौरान एक के हताहत होने की सूचना मिली।”
इस्राइल-ईरान की यात्रा को लेकर जारी एडवायजरी पर गिलोन ने दी प्रतिक्रिया
इस्राइल-ईरान संघर्ष को देखते हुए केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने भारतीयों को इन दो देशों की यात्रा नहीं करने को लेकर एक एडवायजरी जारी की थी। इस एडवायजरी को लेकर सवाल पूछे जाने पर गिलोन ने कहा, “हमें उम्मीद है कि हमारे मित्र ईरान को रोकने के लिए एकजुट होंगे और आतंकवाद के लिए ईरान के समर्थन और क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने के प्रयासों को रोकेंगे। ईरान खुले तौर पर इस्राइल को नष्ट करने की अपनी इच्छा व्यक्त कर रहा है, जो कि अपमानजनक है।”