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बिना जल सरंक्षण के जीवन की परिकल्पना असंभव- डॉ शचींद्र शेखर

लखनऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई द्वारा सात दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए विभिन्न गांवों में किया जा रहा है। इसके अंतर्गत आज इकाई III और V ने सेव वाटर, सेव अर्थ की थीम पर शिविर के तीसरे दिन का आयोजन ककौली गांव में किया।

ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यक्रम अधिकारी डॉ जफरून नकी ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि जल ही जीवन है, जल के बिना हमारा अस्तित्व ही संभव नहीं है इसीलिये हमे जल के संरक्षण और इसके संवर्धन के उपाय के बारे में सोचना चाहिए। साथ ही पृथ्वी संरक्षण की भूमिका और महत्ता के बारे में बताया।

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शिविर के दूसरे सत्र में कार्यक्रम अधिकारी डॉ शचींद्र शेखर ने बताया कि भागम-भाग एवं प्रोद्योगिकी के इस दौर में बिना जल सरंक्षण के जीवन की परिकल्पना असंभव है। उन्होंने जल संरक्षण के महत्व की चर्चा करते हुए पृथ्वी की विविधता के बारे में भी विस्तार से बताया।

उन्होंने कहा कि जल सरंक्षण के बिना विकास की कल्पना भी अधूरी है। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने गांव के लोगों को जल के आधारभूत कारकों से अवगत कराकर जन जागरुकता चलाया।

ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय

इकाई एक द्वारा ग्राम लोखरिया में सडक सुरक्षा जागरुकता अभियान समन्वयक डॉ नलिनी मिश्रा के नेतृत्व में संचालित किया गया। इस अभियान में स्वयंसेवकों ने ग्राम के निवासियों को यातायात नियमों की जानकारी दी जैसे हेलमेट पहनना, सीट बेल्ट बांधना, सड़क के नियम का पालन करना आदि। स्वयंसेवकों ने नागरिकों को हेलमेट भी बाटे।

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कार्यक्रम में एनएसएस समन्वयक डॉ नलिनी मिश्रा, कार्यक्रम अधिकारी डॉ शचीन्द्र शेखर डॉ जफर नक़ी, राजकुमार, उमेर खान, अदीबा अशरफ, मो फिरोज, नमरा रफत सहित तमाम छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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