लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा परिषद के तहत अब स्कूली बच्चो को Environment का पाठ पढ़ाना अनिवार्य कर दिया है। ऐसा पर्यावरण को मिल रही हर रोज़ चुनौती को ध्यान में रखकर किया गया है जिससे बच्चे पर्यावरण को लेकर जागरूक हो सकें।
Environment को बचाना चुनौती का विषय
बढ़ते प्रदूषण के कारण पर्यावरण को बचाना चुनौती बन गया है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, पर्यावरण बचाने की मुहिम में बच्चों की बड़ी भूमिका हो सकती है। बच्चो को बढ़ते प्रदूषण को लेकर जागरूक किया जा सटका है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला विदयालय निरीक्षकों और स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं। ऐसे में अब स्कूलों को अनिवार्य रूप से पर्यावरण विषय को पढ़ाना होगा। यह विषय कक्षा नौ से 12वीं तक के छात्रों के लिए होगा।
लोगों में जागरूकता लाना मुख्य उद्देश्य
निम्न कक्षाओं में यह पाठ्यक्रम लाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में जागरूकता लाना है। अगर बच्चो को अभी से पर्यावरण के सन्दर्भ में सचेत किया जाये तो वे आगे चलकर पर्वावरण को बचाने में अहम् रोल ऐडा कर सकते हैं। डीआईओएस डा. मुकेश सिंह ने बताया कि यदि कोई स्कूल विषय को शामिल नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
छात्रों को पर्यावरणरक्षण पर नए-नए मॉडल बनाने होंगे। डीआईओएस डा. मुकेश सिंह ने बताया कि हर साल राष्ट्रीय स्तर की होनी वाली विज्ञान-प्रदर्शनी में ये छात्र तरह-तरह के उपयोगी मॉडल पेश करते हैं। इसे देखते हुए उम्मीद है की बच्चे इसमें अपना हुनर दिखाएंगे और बेहतर मॉडल बनाएंगे।