महान टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने कहा है कि भारत को ग्रैंडस्लैम चैंपियन तैयार करने में 10 साल और लग सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए देश के टेनिस को मिलने वाली सुविधाओं में जमीनी स्तर पर बदलाव करना होगा। पेस ने बुधवार को टेनिस प्रीमियर लीग (टीपीएल) की नीलामी में युवा प्रतिभाओं को निखारने और भविष्य के चैंपियन की पहचान करने और उसे विकसित करने के लिए एक प्रणाली बनाने के महत्व पर जोर दिया।
पेस ने कहा, ‘मुझे लगता है कि ग्रैंडस्लैम चैंपियन बनने में संभवत: 10 साल और लगेंगे। देश के टेनिस प्रशासन का ध्यान जमीनी स्तर पर होने की जरूरत है। फिर फीडर सिस्टम आ रहा है और वहां से आप संख्याओं का मंथन करते हैं।’ हाल में टेनिस हॉल ऑफ फेम में शामिल हुए पेस का मानना है कि भारत में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में काफी क्षमता को नहीं उभारा गया है। उन्होंने खेल बिरादरी और पूर्व एथलीटों से आग्रह किया कि वे सक्रिय रूप से वंचित क्षेत्रों में प्रतिभा की तलाश करें। उन्होंने कहा, ‘भारत में हमारे पास जबरदस्त प्रतिभा है, लेकिन यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचें, उस प्रतिभा को खोजें, उसे परखें और टेनिस अकादमियों में उसका पोषण करें।’
18 ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाले पूर्व युगल विश्व नंबर एक खिलाड़ी पेस ने भारत को खेल महाशक्ति बनने के लिए अपना दृष्टिकोण भी साझा किया। देश का लक्ष्य 2036 ओलंपिक की मेजबानी करना और पदक तालिका में शीर्ष 10 में रहना है। पेस ने उस भूमिका पर जोर दिया जो पूर्व खिलाड़ी और शासन इस सपने को पूरा करने में निभा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि अगर भारत 2036 ओलंपिक तक पावरहाउस बनना चाहता है, तो हमारे पास इसे हासिल करने के लिए 12 साल का समय है। यह सिर्फ ओलंपिक की मेजबानी के बारे में नहीं है, बल्कि पदक जीतने के बारे में भी है। तभी यह असली जीत होगी।’