झारखंड के गिरिडीह में स्थित जैन समाज के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल बनाए जाने का नोटिफिकेशन जारी हुआ है, जिसका जैन समाज ने विरोध शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश में आज जैन समाज सड़कों पर उतर आया है। राजधानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर सहित प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जैन समाज ने बंद बुलाया है, जैन समाज से जुड़े लोग अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखकर इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
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जैन समाज ने आज दोपहर 2 बजे तक अपने सभी प्रतिष्ठान बंद रखने का ऐलान किया है, जिससे प्रदेश में करोड़ों रुपए का व्यापार प्रभावित होने की संभावना है। इसके अलावा कई जिलों में आज जैन समाज मौन रेली भी निकालेंगा। बताया जा रहा है कि अकेले भोपाल में दुकाने बंद रहने से 100 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होगा।
वहीं कांग्रेस ने भी जैन समाज के विरोध का समर्थन किया है, पूर्व सीएम कमलनाथ ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर फैसलै को वापस लेने की मांग की है। कमलनाथ ने पत्र में लिखा है कि सम्मेद शिखर जी से जैन समाज की अटूट आस्था जुड़ी हुई है, सरकार के इस फैसले से तीर्थ स्थल की स्वतंत्र, धार्मिक पहचान और पवित्रता नष्ट होने की संभावना है। फैसले पर पुनर्विचार करते हुए निर्णय को वापस लिया जाए। बता दें कि झारखंड में जेएमएम और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है।
राजनीतिक संगठनों के अलावा मध्य प्रदेश में कई अन्य संगठनों ने भी जैन समाज के बंद का समर्थन किया है, जिससे यह मामला अब गर्माता नजर आ रहा है, जैन समाज का कहना है कि तीर्थ क्षेत्र को पर्यटन स्थल बनाने का फैसला सरकार को वापस लेना चाहिए।
बता दें कि झारखंड में स्थित श्री सम्मेद शिखर जी जैन धर्म के पवित्र तीर्थस्थलों में शामिल है। जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकर भगवान और असंख्य महामुनिराजों ने इसी पवित्र भूमि से तपस्या कर निर्वाण प्राप्त किया है। झारखंड सरकार ने इसे टूरिज्म स्पॉट बनाने के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। इसी का विरोध किया जा रहा है। जैन समाज की मांग है कि तीर्थ क्षेत्र को तीर्थ ही रहने दिया जाए।