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लोक कल्याण की संकल्प यात्रा

पांच वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश में सरकार के साथ साथ राजनीति व व्यवस्था में भी परिवर्तन हुआ था। इसके पहले करीब दो दशक तक प्रदेश की राजनीति सपा बसपा में सिमटी थी। प्रत्येक चुनाव में सरकारें बदलती रहीं। किंतु व्यवस्था और राजनीति के मूल अंदाज में बदलाव नहीं होता था। सत्ता के चेहरे बदलते थे। उससे लाभान्वित होने वाले खास लोग बदलते थे। शासन प्रशासन का अंदाज यथावत रहता था। इस कारण जन आकांक्षा पूरी नहीं होती थी। इस क्रम से परेशान होकर पिछले विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने भाजपा को अवसर दिया। मुख्यमंत्री ने योगी आदित्यनाथ को पिछली व्यवस्था का गहन अनुभव था। तब वह गोरखपुर से सांसद थे। पूर्वांचल के अनेक जनपदों में जापानी बुखार की समस्या चार दशक पुरानी थी। योगी आदित्यनाथ उस समय की सरकारों के समक्ष यह समस्या उठाते रहे। लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। यह एक बानगी थी। योगी आदित्यनाथ जानते थे कि ऐसी अनेक समस्याओं का आदान केवल सरकार बदलने से नहीं हो सकता।

उत्तर प्रदेश को बीमारू श्रेणी से बाहर निकालने के लिए व्यवस्था में बदलाव अपरिहार्य है। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ही योगी आदित्यनाथ व्यवस्था को बदलने में जुट गए। यह दबल इंजन की सरकार रही। केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं को योगी सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वित किया। निवेश के अनुकूल माहौल बनाया। बिना भेदभाव के प्रदेश के विकास को आगे बढ़ाया। पहले कुछ क्षेत्र विशेष विशिष्ट माने जाते थे। योगी ने इस राजनीति को बदल दिया। पर्यटन,तीर्थाटन व औद्योगिक विकास को अवश्य विशेष महत्व दिया गया। क्योंकि ऐसा करना प्रदेश के समग्र विकास हेतु आवश्यक था। यह दावा किया गया कि भाजपा सरकार ने अपने संकल्प को पूरा किया है।

पांच वर्ष पूर्व किये गए वादों को क्रियान्वित किया गया। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश पैंतालीस विकास योजनाओं में नम्बर वन है। एक बार फिर भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया गया। भाजपा ने कहा कि पांच वर्ष पहले जारी संकल्प पत्र के सभी वादों को चरितार्थ किया गया। जो कहा था वह किया है। इस बार सोच ईमानदार काम असरदार यूपी फिर मांगे भाजपा सरकार की थीम पर फिर से जनता के बीच अपने असरदार काम को लेकर दोबारा आए हैं।

लोक कल्याण संकल्प पत्र के लिए विगत पन्द्रह दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आकांक्षा पेटी लांच कर जनता से सुझाव मांगे गए थे। यूपी नम्बर वन सुझाव आपका,संकल्प हमारा थीम पर हुए कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के तीस हजार ग्राम पंचायत,सभी विधानसभा क्षेत्रों और महानगरों में विभिन्न सामाजिक और आर्थिक वर्ग के लोगों से संवाद कर सुझाव मांगे गए थे। इसके साथ ही मिस्डकाल और ई मेल के माध्यम से भी सुझाव लिए गए थे। संकल्प पत्र समिति ने प्रदेश भर से विभिन्न माध्यमों से आए सुझावों को एकत्र कर जन हितैषी आकांक्षाओं का संकलन किया गया है।

पिछले विजन डॉक्यूमेंट में जनता भी आकांक्षाओं का समावेश था। एक बार फिर भाजपा ने वही रणनीति बनाई है। भाजपा ने प्रदेश को नम्बर वन बनाने का संकल्प लिया है। राष्ट्रीय पटल पर एक नया सक्षम और समर्थ उत्तर प्रदेश उभर कर आया है। पांच वर्ष पहले निवेशकों की उत्तर प्रदेश में कोई दिलचस्पी नहीं थी। योगी के प्रयासों से निवेश का सर्वाधिक आकर्षक प्रदेश बन गया है। पांच वर्ष पहले बेरोजगारी दर सत्रह प्रतिशत थी। अब चार प्रतिशत है। योगी के कोरोना आपदा प्रबंधन की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन व नीति आयोग ने की है। पहले उत्तर प्रदेश साम्प्रदायिक दंगों की चपेट में था। पांच वर्ष में प्रदेश दंगों से मुक्त रहा। अपराधियों माफिया के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर अमल किया गया। हजारों करोड़ रुपये से अधिक की अवैध सम्पत्ति जब्त की गई। यूपी अब पांच एक्सप्रेस वे वाला प्रदेश होगा। वर्तमान सरकार ने साढ़े चार साल में प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले राज्य के रूप में आगे बढ़ाने का रास्ता बना दिया है।
यह समर्थ और सक्षम राज्य की ओर बढ़ाने का कालखंड रहा है। यूपी देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसे आगे बढ़ाया जा रहा है। यूपी में प्रतिव्यक्ति आय दोगुनी से अधिक पहुंच गई है। नए भारत के नए यूपी के रूप में उभारने में सफलता प्राप्त की है। देश को पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था तक पहुंचाया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने इसी के तहत उत्तर प्रदेश के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। भारत में संघीय शासन व्यवस्था है। प्रदेशों के सहयोग के बिना भारत को आर्थिक महाशक्ति नहीं बनाया जा सकता। इसलिए योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को देश की आर्थिक विकास यात्रा का सबसे बड़ा सहयोगी बनाने का मंसूबा व्यक्त किया था। उन्होंने दावा था कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाया जाएगा।

योगी आदित्यनाथ को अपने इस मंसूबे की सफलता का पूरा विश्वास है। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की पांच शीर्ष अर्थव्यवस्था में शामिल हो गया है। यह लक्ष्य उत्तर प्रदेश में मौजूद संसाधनों के माध्यम से ही हासिल किया जा सकता है। इस विशाल प्रदेश में  जितनी कृषि भूमि और जल संसाधन है,उसके सुनियोजित उपयोग से ही प्रदेश की स्थिति बदल सकती है। उत्तर प्रदेश की जमीन उर्वरा है। मृदा परीक्षण और वैज्ञानिक कृषि के द्वारा यह प्रदेश पूरी दुनिया का पेट भर सकता है।
इसी के साथ योगी सरकार प्रदेश के औद्योगिक विकास की दिशा में भी तेजी से कार्य कर रही है। इंवेस्टर्स समिट में आये करीब साठ करोड़ रुपये के प्रस्तावों का शिलान्यास भी हो चुका है। राज्य की अर्थव्यवस्था की वृद्धि की वर्तमान दर के हिसाब से यह अगले कुछ वर्षों में एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचेगी। उत्तर प्रदेश में विकास की अप्रतिम सम्भावनाएं हैं। इन सम्भावनाओं को साकार करने में विभागीय और नोडल अधिकारियों को अपनी भूमिका निभाने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था। इसके अलावा प्रत्येक विभाग का इस कार्य में योगदान सुनिश्चित किया गया। इनोवेटिव आइडियाज़ के साथ एक ठोस कार्य योजना बनानी गई। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में रियल इस्टेट,परिवहन, वित्तीय सेवाओं,कृषि, खनन,पर्यटन आदि क्षेत्रों की भागीदारी तय की गई। विभागों द्वारा प्रदेश के आम जन के जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन तथा राज्य की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के कार्यों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई। प्रयागराज कुम्भ और अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम के सफल आयोजन,ब्रज विकास परिषद के गठन के पश्चात मथुरा वृन्दावन क्षेत्र के विकास की ठोस कार्य योजना से राज्य में पर्यटन के प्रति नजरिए में सकारात्मक परिवर्तन आया है। वर्तमान राज्य सरकार में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर होने से राज्य में निवेश की सम्भावना बढ़ी है। हर जनपद का अपना एक विशिष्ट उत्पाद है। इसके दृष्टिगत ओडीओपी योजना चल रही है। कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों को अच्छे बीज और तकनीक उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। राज्य में सृजित हो रही बुनियादी ढांचागत सुविधाओं जैसे पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे, जेवर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, उड़ान योजना के तहत हवाई अड्डों का विकास, फ्रंट काॅरिडोर आदि से विकास को गति मिल रही है। जनपद के विशिष्ट उत्पादों सहित कृषि उत्पादों की मार्केटिंग,एक्सपोर्ट आदि में इन सुविधाओं का उपयोग किया जा रहा है। इस प्रकार योगी आदित्यनाथ ने न्यू इंडिया के मंसूबे में उत्तर प्रदेश के योगदान को सुनिश्चित किया है। इस योजना को अगले पांच वर्षों में बुलंदी पर पहुंचाया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने एक्सप्रेस वे निर्माण के पुराने अंदाज को बदल दिया है। उन्होंने इसको औद्योगिक विकास से जोड़ दिया है। इसके अनुरूप रोडमैप पर अमल किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में ढांचागत व अन्य निर्माण के रिकार्ड कायम हुए है। इसमें एक्सप्रेस वे और कनेक्टिविटी भी शामिल है। औद्योगिक विकास के लिए इन सुविधाओं का विस्तार अपरिहार्य होता है। इसके साथ ही बिजली प्रयाप्त उपलब्धता,कानून व्यवस्था की सुदृढ़ स्थिति,सिंगल विंडो की पारदर्शी व्यवस्था,भूमि बैंक की स्थापना की गई। एक्सप्रेस वे को उद्योग से जोड़ने के चलते निकट रहने वाले गांव,कस्बा नगर सभी को परोक्ष अपरोक्ष लाभ होगा। डिफेंस एक्सपो व इन्वेस्टर्स समिट में निवेश के समय से ही यह योजना आगे बढ़ रही है।

इसके अलावा प्रत्येक पचास किलोमीटर पर यात्री सुविधा के लिए ढांचागत निर्माण किया जाएगा। एक बार फिर योगी आदित्यनाथ ने एक्सप्रेस वे के आसपास के क्षेत्रों को औद्योगिक विकास एवं व्यावसायिक उपयोग के रूप में पहले से ही चिन्हित किये जा रहे है। जिला व तहसील सम्पर्क मार्गाें को फोर लेन बनाने,हवाई यात्रा सुविधा बढ़ाने का उल्लेखनीय कार्य हुआ है। पहले दो हवाई अड्डे प्रयोग में थे। इनकी संख्या नौ हो गई है। ग्यारह हवाई अड्डों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जेवर में स्थापित किये जा रहे नोएडा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की परियोजना विश्व की सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओं में शामिल होगा। पांच एक्सप्रेस वे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाई प्रदान करेंगे। सभी जनपदों में बिना भेदभाव के विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है। प्रदेश में फिल्म सिटी का विकास पीपीपी मोड पर किया जा रहा है। यह उत्कृष्ट और अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा। राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को देश की नम्बर वन इकोनॉमी बनाने के लिए कटिबद्ध है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था पहले छठवें स्थान पर थी,आज दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरी है। निवेश का बेहतर वातावरण वर्तमान सरकार ने तैयार किया है। पहले उत्तर प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में देश में चौदहवें स्थान पर था। आज सरकार की नीतियों से दूसरे स्थान पर आ गया है। पांच वर्ष पहले उत्तर प्रदेश का केन्द्र की किसी योजना में स्थान नहीं होता था। आज केन्द्र सरकार की पैंतालीस योजनाओं में प्रदेश प्रथम स्थान पर है। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत प्रदेश में दो करोड़ इकसठ लाख शौचालय बनवाये गये हैं। इसी तरह उज्ज्वला, सौभाग्य,उजाला,पीएम किसान सम्मान निधि में भी उत्तर प्रदेश ने बेहतर कार्य किया है। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड तथा विन्ध्य क्षेत्र में हर घर नल योजना प्रारम्भ की गयी है। सरकार ने उत्तर प्रदेश के ओवर ऑल पर्सेप्शन को बदल दिया है।

प्रदेश सरकार ने पूर्ववर्ती व्यवस्था में रिफॉर्म करके,परफॉर्म करते हुए ट्रांसफॉर्म किया है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड,प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जैसी योजनाएं प्रदेश में लागू हुईं। जिससे किसानों को कृषि कार्य में काफी मदद मिली है योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया गया है। इसके अंतर्गत चौदह हजार किमी से अधिक सड़कों का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण किया गया है। तीन लाख पचास हजार किमी सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया है। एक सौ चौबीस लंबे ब्रिज,चौवन रेल फ्लाइओवर के काम पूरे हुए हैं। दस महानगर जिनमें नोएडा,लखनऊ, गाजियाबाद, कानपुर, आगरा, मेरठ गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज एवं झांसी में मेट्रो रेल परियोजना पर काम चल रहा है। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास के मार्ग पर अग्रसर है। भाजपा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश को श्रेष्ठ राज्य बनाया है। अगले पांच वर्षों में हम यूपी को बेस्ट राज्य बनायेंगे। अमित शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश का यह विधान सभा चुनाव दो विचारधाराओं के बीच है। एक ओर यह एक परिवार को बचाने का चुनाव है तो वहीं दूसरी ओर यह देश को सुरक्षित रखने का चुनाव है। एक ओर यह एक जाति विशेष के लिए लड़ा जाने वाला चुनाव है,वहीं दूसरी ओर यह हमारे लिए उत्तर प्रदेश के गरीबों को खुशहाल बनाने का चुनाव है। एक ओर यह माफियाओं को संरक्षण देने के लिए लड़ा जाने वाला चुनाव है, वहीं दूसरी ओर हमारे लिए यह उत्तर प्रदेश से माफियाओं को ख़त्म करने का चुनाव है। उत्तर प्रदेश की जनता ने प्रदेश को दंगों की आग में फिर से झोंकने की जगह विकास को समर्पित भाजपा सरकार बनाने का मन बना लिया है।

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