• फाइलेरिया ग्रसित रोगी को नियमित तौर से व्यायाम ज़रूरी
कानपुर। जनपद के त्रिलोकपुर गांव के ब्लॉक कल्याणपुर के ग्राम भिसार में बुधवार को फाइलेरिया रोगी सहायता समूह के सदस्यों को रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता (एमएमडीपी) का प्रशिक्षण दिया गया। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस शिविर में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के प्रसून द्विवेदी और पाथ संस्था के डॉ अनिकेत ने प्रशिक्षण दिया। इस मौके पर फाइलेरिया रोगी सहायता समूह के 12 सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया और एमएमडीपी किट का वितरित की गई।
डॉ अनिकेत ने बताया कि फाइलेरिया ग्रसित रोगी को नियमित तौर से व्यायाम करना चाहिए। प्रभावित अंगों पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगानी चाहिए। यदि मरीज का पैर प्रभावित है तो उसे मुलायम जूते या चप्पल पहनने चाहिए। साथ ही उन्होंने व्यायाम करके भी दिखाए।
जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह बताते हैं कि फाइलेरिया एक मच्छर जनित बीमारी है। यह गंदे पानी में पनप रहे मच्छरों के काटने से होता है। जहां भी पानी इकट्ठा होगा वहां मच्छर पनपेंगे। फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्य समुदाय को मच्छर जनित परिस्थितियां उत्पन्न न करने के लिए जागरूक करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
आयोजित हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में फाइलेरिया नेटवर्क सदस्य महेंद्र सिंह ने बताया की फाइलेरिया ग्रसित अंगों की देखभाल, साफ-सफाई और व्यायाम के बारे में बताया गया है। हम उसका नियमित रूप से अभ्यास करेंगे। उनका कहना है जब से हम #फाइलेरिया रोगी सहायता समूह के सदस्य बने हैं तब से हमें इस बीमारी के बारे में बहुत सी जानकारियाँ मिली हैं और बीमारी को लेकर जो गलतफहमियाँ थीं वह भी काफी हद तक दूर हुई हैं । अब हम यह जानने के बाद गाँव के बाकी लोगों को भी फाइलेरिया के बारे में जानकारी देते हैं और साल में एक बार फाइलेरिया की दवा खाने के लिए कहते हैं।
हमें यह भी बताया गया है कि आशा दीदी साल में एक बार इसकी दवा बाँटती हैं। इस मौके पर एएनएम और आँगनबाड़ी कार्यकर्ता और सीफार के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर