Karnataka में तीसरे नंबर पर जेडीएस नेता कुमार स्वामी को मुख्यमंत्री पद का लालच देकर कांग्रेस ने जिस तरह से जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया। वह किसी से छिपा नहीं है। मुख्यमंत्री पद के लिए ही आज कुमारस्वामी कांग्रेस के साथ हैं। अगर उन्हें मुख्यमंत्री पद न दिया जाता तो वह कांग्रेस के साथ कभी नहीं जाते और न ही समर्थन देते। ऐसे में जनता की भावनाओं और उसके हित को ताक पर रखकर कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टी स्वार्थ सिद्ध करने में लगी है।
Karnataka, सत्ता के लिए विधायकों को किया कैद
कर्नाटक में जिस तरह से सत्ता के लिए कांग्रेस ने विधायकों को कैद में रखा है वह कितना नैतिक और संविधानात्मक है। वह किसी से छुपा नहीं है। जिस तरह से कांग्रेस और जेडीएस ने अपने विधायकों को होटल के कमरों में बंद करके रखा है। वह नैतिका से परे है। जनता की इच्छाओं का किस तरह से कांग्रेस ने गला घोटने के लिए क्या क्या पैंतरेबाजी अपनाने के हथियारों को पिछले 70 सालों में सत्ता पाने के लिए इस्तेमाल किया है। वह आज उसी के गले का फास बन गया है।
कांग्रेस और जेडीएस की सरकार बनाने से पहले ही स्थितियां डामाडोल
सरकार बनाने से पहले ही कांग्रेस और जेडीएस की स्थितियों का आंकलन किया जा सकता है। जिस तरह से विधायकों पर पहरा लगाकर अपने आदेशों को मनवाने के लिए दोनों पार्टियां जुटी हुई हैं। उससे कांग्रेस और जेडीएस में विधायकों के स्थायित्व का खतरा बना हुआ है। जो कि जनहित के साथ ही देशहित के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
जनता ने कांग्रेस को नकार बीजेपी का किया समर्थन
जनता ने सिद्धारमैया को नकारते हुए पिछले चुनाव के मुकाबले मात्र 78 पर लाकर रख दिया। वहीं बीजेपी को 100 का आंकड़ा पार करके 104 पर पहुंचा दिया। जिसके पीछे भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व और जनता ने पीएम मोदी के सबका साथ और सबका विकास के वादे पर वोट देते हुए नंबर 1 की पार्टी बनाया। जनता को उम्मीद है कि उसकी अपेक्षाओं को लिए भाजपा ही बेहतर है।
रिपोर्ट—संदीप वर्मा
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