दिल्ली पुलिस को अरविंद केजरीवाल सरकार से झटका लगा है. दिल्ली सरकार ने पुलिस की 9 स्टेडियम को अस्थाई जेल बनाने की मांग को नकार दिया है. इस बीच खबर आई है कि किसानों को दिल्ली आने की अनुमति मिल गई है, इस दौरान पुलिस पूरे समय साथ रहेगी.
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन के कारण अस्थाई जेल की मांग की थी. दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि किसानों की मांग जायज है, ऐसे में उन्हें जेल में डालना ठीक नहीं है.
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली की ओर कूच रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा बल वॉटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया है. वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वो किसानों से तुरंत बात करे और प्रदर्शन को रोके.
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि किसानों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है, सरकार तीन दिसंबर तक क्यों इंतजार कर रही है. वहीं नए कृषि कानूनों के खिलाफ मथुरा में प्रदर्शन कर रहे कुछ किसान प्रदर्शनकारियों को सड़क पर जाम लगाने के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया.
दिल्ली चलो मार्च के लिए किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर राशन और अन्य आवश्यक सामान के साथ एकत्रित हो गए हैं. हरियाणा सरकार ने किसानों को प्रदर्शन के लिए एकत्रित होने से रोकने के लिए कई इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 भी लागू कर दी है. किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि नये कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी.
सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और रेत से भरे ट्रक तथा पानी के टैंक भी वहां तैनात हैं. प्रदशज़्नकारियों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर पर बाड़ लगाने के लिए कांटेदार तार का भी उपयोग किया गया है. तीस से अधिक किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले पंजाब के किसानों ने घोषणा की थी कि वे लालडू, शंभु, पटियाला-पिहोवा, पातरां-खनौरी, मुनक-टोहाना, रतिया-फतेहाबाद और तलवंडी-सिरसा मार्गों से दिल्ली की ओर रवाना होंगे. सभी सीमाओं पर तनाव कायम है.