मोतिहारी/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बुधवार की सुबह एक सड़क हादसा हुआ है, इस सड़क हादसे में कुल 18 लोगों की मौत हो गई है। यह सड़क हादसा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हुआ है।
वहीं इस बस हादसे के बाद जो अहम खुलासे सामने आ रहे हैं, वो हैरान करने वाले हैं। जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक बस के कागजों में दर्ज पता फर्जी निकला है। वहीं यह बस बिना परमिट और बिना बीमा के ही चल रही थी। प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह बस खेती किसानी करने वाले व्यक्ति के नाम से महोबा जिले में रजिस्टर्ड थी।
जानकारी के अनुसार यह शिवहर के ही रहने वाले शिवनारायण सिंह की थी। वहीं दिल्ली के रहने वाला चंदन जायसवाल पहाड़गंज से बसों को संचालित करते थे। अब इस मामले में आरटीओ अधिकारी बेहटा मुजावर थाने में बस मालिक के नाम पर एफआईआर (FIR) दर्ज कराएगी।
जानकारी के अनुसार इस बस का परिचालन टूरिस्ट परमिट के नाम पर किया जा रहा था। यानि नियम के अनुसार इस बस के इंटर स्टेट चलाने का परमिट नहीं था। नमस्ते बिहार नाम की इस बस की तस्वीर देखकर इसकी स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह बिलकुल खटारा स्थिति में थी।
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बस की टूटी खिड़कियों पर कांच की जगह जुगाड़ के तौर पर प्लाइबोर्ड लगाए गए थे। वहीं बस में अन्य सुविधाओं का भी अभाव था। बस हादसे की शिकार एक महिला ने बताया कि इस बस के मालिक कई और बस चलवाते हैं। लेकिन, हमलोग जब सफर शुरू करने वाले थे तो हमें जानकारी नहीं थी कि हमलोगों को खटारा बस में बिठा दिया जाएगा।