Lucknow। ख्व़ाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय (KMCLU) लखनऊ में स्थापित ’फैकल्टी आफ फार्मेसी’ (Faculty of Pharmacy) के डी फार्मा प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों (D Pharma first year students) ने राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (NBRI) का भ्रमण किया। इस दौरे का उद्देश्य विद्यार्थियों को वनस्पति विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी और पर्यावरणीय अनुसंधान से जुड़ी आधुनिक जानकारियाँ देना था।
भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो जेपी पांडेय के नेतृत्व में भाषा विवि विद्यार्थियों के गतिविधियों का केंद्र बन रहा है। इसी क्रम में विश्वविद्यालय के छात्रों ने राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान का भ्रमण किया। संस्थान उत्तर भारत की जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए कार्य करता है। साथ ही विभिन्न विश्वविद्यालयों व संस्थानों के साथ मिलकर अनुसंधानकर्ताओं को प्रशिक्षण भी प्रदान करता है।
विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ मनीश एस भोयर ने छात्रों को पौधों के ऊतक संवर्धन और जेनेटिक इंजीनियरिंग के ज़रिए नई किस्मों के विकास की विस्तृित जानकारी छात्रों को प्रदान की। साथ ही प्रमुख तकनीकी अधिकारी डॉ दयाशंकर ने विद्यार्थियों को परिसर मे स्थपित औषधीय, सुगंधित और सजावटी पौधों की किस्मो के बारे में छात्रों को बताया। विद्यार्थियों ने परिसर में स्थित जैव-गगनशक्ति ग्रीनहाउस का भ्रमण किया जहाँ विभिन्न जलवायु परिस्थितियों की नकल कर पौधों पर अनुसंधान किया जाता है।
भ्रमण के दौरान छात्रों ने संस्थान के बॉटनिकल गार्डन, कैक्टस और रसीले पौधे, साइकैड हाउस, औषधीय पौधों की प्रयोगशालाएं, तथा टिशू कल्चर लैब का भी निरीक्षण किया। वैज्ञानिकों ने उन्हें बताया कि किस प्रकार जैव विविधता का संरक्षण और पौधों की नई प्रजातियों का विकास किया जाता है।
भ्रमण में शामिल छात्र-छात्राओं ने इस अनुभव को बेहद रोचक और ज्ञानवर्धक बताते हुए कहा कि यह भ्रमण न केवल उनकी पाठ्यपुस्तकीय जानकारी को व्यावहारिक रूप से जोड़ता है, बल्कि उन्हें प्रकृति और विज्ञान के प्रति और अधिक जागरूक बनाता है। छात्रों के साथ सहायक आचार्य विनोद कुमार, दिव्यानी सिंह, नैंसी तिवारी एवं एहतेशाम अहमद उपस्थ्ति रहे। फैकल्टी आँफ फार्मेसी की निदेशक प्रो शालिनी त्रिपाठी ने इस तरह की शैक्षिक भ्रमण को छात्रों के शैक्षिक विकास के दृष्टिगत आवश्यक बताया।