कल पेश किए जाने वाले आम बजट General Budget 2018 को लेकर अभी से तमाम तरह की चर्चाओं का बाजार गरम है। लेकिन इस रहस्य से पर्दा पूरी तरह से कल उठेगा और यह तभी पता चलेगा कि ये नया बजट आम लोगों के लिए कितना अच्छा साबित होगा। जिस तरह की चर्चाओं का माहौल आम लोगों के बीच सुनने को मिल रहा है उससे तो यही लगता है कि किसी खास ने बजट की सारी सूचनाएं लीक कर दी है। लेकिन आप लोगों की जानकारी के लिए हमारी यह रिपोर्ट काफी कारगर साबित होगी कि जहाँ बजट बनता है वहां सबकुछ बेहद गोपनीय रखा जाता है।
कैसे बनता है आम बजट
- आम बजट पूरे एक साल का होता है,यह साल एक नए रूप में तैयार होता है।
- सामान्य तौर पर बजट बनाने की प्रक्रिया सितंबर माह से ही शुरु हो जाती है।
- बजट रूम से लेकर बजट प्रेस तक सबकुछ गोपनीयता रखा जाता है।
- जहां पर बजट बनता है वहां के ऑफिस का इंटरनेट कनेक्शन तक काट दिया जाता है।
- कोई बाहरी सदस्य इन जगहों पर नहीं जा सकता है,यहां तक नार्थ ब्लॉक में पत्रकारों के प्रवेश पर भी रोक होती है।
- नार्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय का बजट डिवीजन किसी वॉर रूम से कम नहीं होता है।
- खुफिया एजेंसियां पल-पल की खबर के लिए हमेशा सक्रीय रहती हैं।
- बजट का प्रारूप तैयार होने के बाद बजट छपना शुरू होता है,जहाँ भी गोपनीयता होती है।
- बजट पेश होने से तीन सप्ताह पूर्व करीब पांच दर्जन से अधिक कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में भेजे जाते हैं।
- इन कर्मचारियों का इस दौरान बाहरी दुनिया से कोई मतलब नहीं रहता है।
- बजट पेश होने तक ये कर्मचारी बाहर भी नहीं निकलते हैं।
- बजट को छापने के लिए दो मशीनों का प्रयोग किया जाता है।
- इसकी करीब 3 से 4 हजार प्रतियां छापी जाती हैं।
- इसके बाद प्रूफ रीडिंग,अनुवाद व वाइंडिंग का काम पूरी गंभीरता से पूरा किया जाता है।