धर्म और वास्तु शास्त्र में हर देवी-देवता की पूजा के कुछ नियम बताए गए हैं. हर देवी-देवता का बीज मंत्र प्रिय भोग, प्रिय फल अलग होता है. हर भगवान को पूजा में अलग-अलग चीजें अर्पित की जाती हैं. इस तरह विधि-विधान से पूजा करने पर ही वे प्रसन्न होते हैं. इसलिए पूजा-पाठ में इन नियमों का ध्यान रखना चाहिए. वरना पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है. इसके अलावा पूजा में की गई गलती देवी-देवता को भी नाराज कर सकती है. जिससे जीवन में आर्थिक विपन्नता आती है. सेहत, रिश्तों, तरक्की आदि पर बुरा असर पड़ता है. आइए जानते हैं कि पूजा करते समय किन चीजों का विशेष तौर पर ध्यान नहीं रखना चाहिए.
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मंत्र: हमेशा मंत्र जाप सही तरीके से करें. गलत मंत्र न पढ़ें. जिस भगवान की आराधना कर रहे हैं, उसी से जुड़ा मंत्र पढ़ें. मंत्र जाप करने से पहले पवित्रता का ध्यान रखें. यानी कि स्नान करके, साफ कपड़े पहनकर, कुश के आसन पर बैठकर ही मंत्रों का जाप करें.
दीपक: पूजा करते समय भगवान को धूप-दीप जरूर दिखाएं. लेकिन ध्यान रखे कि दीपक या धूप बत्ती को जमीन में न रखें. बल्कि इन्हें स्टैंड पर या किसी पात्र में रखें.
देवी-देवता की मूर्ति: देवी-देवता की मूर्ति या तस्वीर को कभी भी जमीन में ना रखें, ऐसा करना भगवान को नाराज कर देता है. साथ ही आपके जीवन में मुसीबतों-कष्टों का अंबार लगा सकता है. हमेशा भगवान की मूर्ति या तस्वीर को चौकी, थाली या किसी भी ऊंचे स्थान पर सम्मान से रखें.
शंख: शंख को हिंदू धर्म में पूजनीय माना गया है. शंख बजाने के ढेरों लाभ हैं. माना जाता है कि शंख में मां लक्ष्मी का वास होता है. इसलिए रोजाना शंख की पूजा भी की जाती है. शंख को कभी भी जमीन पर न रखें. ऐसा करना आपको कंगाल बना सकता है.
सोने के आभूषण: सोने-चांदी जैसी धातुओं को भी पूजनीय माना गया है. खासतौर पर सोने के गहनों को तो कभी जमीन पर न रखें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं.