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लद्दाख में लगेंगे 134 डिजीटल सैटेलाइट फोन टर्मिनल, बढ़ायी गई सैनिकों की संख्या

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव जारी है. जिसके बाद भारत एलएसी पर न केवल हथियारों और सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है, बल्कि लद्दाख में एलएसी से सटे तमाम इलाकों को जोडऩे के लिए संचार सेवाओं को भी मजबूत करने में लगा हुआ है.

चीन के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए लद्दाख से सटे सभी गांवों में संचार सविधा को मजबूत करने के लिए नया प्लान तैयार किया है. सरकार ने की योजना है कि लद्दाख में 134 डिजिटल सैटेलाइट फोन टर्मिनल स्थापित किए जाएं. जिससे इन इलाकों में होने वाली चीनी गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा सके. लद्दाख के एग्जिक्यूटिव काउंसलर कुनचोक स्टांजी ने बताया कि पिछले 8 साल से यहां पर मोबाइल टावर लगाए जाने की कोशिश जारी है. लद्दाख से सटे 57 गांवों में संचार सेवाओं को जल्द ही मजबूत किया जाएगा. स्टांजी ने बताया कि लद्दाख में 24 टावर को लगाने की अनुमति मिल चुकी है जबकि 25 और मोबाइल टावर की जरूरत है.

दूसरी तरफ सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने भी हाल में पूर्वी लद्दाख का दौरा किया और सेना की तैयारियों को जायजा लिया. बताया जा रहा है कि सेना प्रमुख नरवणे ने बॉर्डर पर सेना की तैयारियों की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी. चीन से बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत ने चीनी सीमा पर हजारों अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती कर दी है. सैनिकों की संख्या बढ़ाए जाने के साथ ही

भारी संख्या में टैंक, इंफैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स और हॉवित्जर तोपों को भी तैनात किया गया है. थल सेना के साथ ही एयरफोर्स को भी अलर्ट कर दिया गया है. वायुसेना के सुखोई-30 एमकेआई और मिग-29 लगातार सीमा पर नजर जमाए हुए हैं.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने कहा है कि हालात से निपटने के लिए अब सेना को खुली छूट दे दी गई है. इसको लेकर हथियार, उपकरण और साजो-सामान को पहले ही चीन से लगने वाले 3488 किलोमीटर की सीमा पर तैनात कर दिया गया है. उन्होंने ये भी कहा कि बड़ी संख्या में सेना को बॉडज़्र पर भी भेजा जा रहा है, जिससे कि वो हालात के मुताबिक चीन को करारा जवाब दे सके.

गौरतलब है कि सीमा पर चीन कई इलाकों को लेकर अपनी जिद पर अड़ा है. उनके झूठे दावों को भारत लगातार खारिज कर रहा है. ऐसे में अब तक बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है. हालांकि दोनों देश अब भी बातचीत जारी रखने के लिए तैयार हैं. चीन के साथ बीजिंग और लद्दाख में कई दौर की बातचीत हो चुकी है. बातचीत का एकमात्र शतज़् यह है कि चीन पहले की स्थिति बरकार रखे. भारत की ओर से कहा गया है कि एलएसी पर ऐसा न करने से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति कायम नहीं हो सकेगी.

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