डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर भारतीय मेडिकल असोसिएशन की ओर से बुलाई देशव्यापी हड़ताल में अब एम्स के चिकित्सक भी शामिल हो गए हैं. पहले एम्स ने इस हड़ताल से खुद को अलग रखने का ऐलान किया था. सोमवार को देश भर के करीब 5 लाख चिकित्सक अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं. आज करीब 1 बजे (AM) एम्स के एक जूनियर चिकित्सक पर हुए हमले के बाद आपातकाली जनरल बॉडी बैठक बुलाई गई, जिसके बाद एम्स डॉक्टरों ने भी हड़ताल में शामिल होने का निर्णय किया. रेजिडेंट डॉक्टर्स ऑफ एम्स (आरडीए) की तरफ से लेटर जारी कर हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की गई. लेटर के अनुसार, ‘सोमवार को जयप्रकाश नारायण ट्रॉमा सेंटर में एक जूनियर चिकित्सक पर करीब 1 बजे (AM) कुछ लोगों ने हमला किया. बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा के विरूद्ध एम्स रेजिडेंट डॉक्टरों ने सबसे पहले आवाज उठाई थी. हम डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग के समर्थन में देश भर के डॉक्टरों के साथ हैं.‘
आरडीए की ओर से जारी लेटर के अनुसार, एम्स के डॉक्टरों ने हिंसा के विरोध में प्रातः काल 8 बजे से 9 बजे तक सांकेतिक प्रॉटेस्ट मार्च भी निकाला. आईसीयू, लेबर डिपार्टमेंट वआपातकालीन सर्विस इस दौरान पहले की ही तरह चलती रहेंगी. आज दिन के 12 बजे से 18 जून 2019 की प्रातः काल 6 बजे तक रेजिडेंट चिकित्सक हड़ताल में शामिल होंगे.
डॉक्टरों की मांग है कि मेडिकल प्रफेशनल्स के साथ होने वाली हिंसा से निपटने के लिए केंद्रीय कानून बनाए जाने की आवश्यकता है. अस्पतालों को सेफ जोन घोषित किया जाना चाहिए इसके अतिरिक्त सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होनी चाहिए. डॉक्टरों के साथ होनेवाली हिंसा को रोकने के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर आज देशव्यापी हड़ताल है.