लखनऊ। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं बीएसएनवी पीजी कॉलेज लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में काकोरी ट्रेन एक्शन के बलिदानी नायकों की स्मृति में व्याख्यान का आयोजन किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव के संदर्भ में आज दिनांक 23 दिसंबर को “काकोरी क्रांति बलिदानी नायकों का श्रद्धा पर्व” विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर रमेश धर द्विवेदी ने की तथा मुख्य वक्ता के रूप में विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के संयोजक प्रोफेसर जय शंकर पांडे एवं प्रोफेसर जय प्रताप सिंह सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के संयोजक शिक्षाशास्त्र विषय के सहायक आचार्य डॉ मञ्जुल त्रिवेदी ने कार्यक्रम के प्रारंभ में विषय के संदर्भ में उपस्थित विद्यार्थियों को अवगत कराते हुए कहा कि देश आजादी के अमृत महोत्सव को मनाते हुए विभिन्न माध्यमों से विभिन्न आयोजनों द्वारा स्वातंत्र्य वीरो को श्रद्धांजलि दे रहा है।
ऐसे में यह आयोजन काकोरी के शहीदों की पुण्य स्मृति में आयोजित है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर रमेश धर द्विवेदी जी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि काकोरी की ट्रेन लूट घटना भारतीय इतिहास में अनेक कारणों से याद की जाती है उनमें से एक कारण है नौजवानों का तत्कालीन शोषक शासकों के प्रति मजबूत प्रतिकार। आज के युवा इस घटना से प्रेरणा लेते हुए समाज एवं देश के उत्थान के लिए अपने दायित्व का निर्वहन करें तथा राष्ट्र के उत्थान में अपना योगदान दें।
विषय पर अपनी बात साझा करते हुए विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के पूर्व उत्तर प्रदेश क्षेत्र के संयोजक प्रोफेसर जय शंकर पांडे ने कहा कि आज के युवाओं को #काकोरी के शहीदों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है जिन्होंने अपने राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि युवा किसी भी देश की दशा एवं दिशा बदलने में सबसे मजबूत उपकरण है आज के युवाओं को इन अमर बलिदानियों के जीवन दर्शन को समझने की आवश्यकता है।
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विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्रीय मंत्री एवं महाविद्यालय में गणित विभाग में आचार्य प्रोफेसर जय प्रताप सिंह ने विषय के संदर्भ में अपने विचार साझा करते हुए बताया कि आजादी के अमृत वर्ष को मनाने का औचित्य सिर्फ यही है कि हम एक बार अतीत का पुनरावलोकन करें और उन महान सेनानियों को याद करें जिन्होंने अपना जीवन अंग्रेजों के प्रति संघर्ष करते हुए राष्ट्र के उत्थान, कल्याण और निर्माण हेतु लगा दिया।
प्रो अनिल कुमार पांडे ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह आयोजन संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहा है इसके भी अपने निहितार्थ हैं। किसी भी राष्ट्र का यह दायित्व है कि वह अपनी संस्कृति को संरक्षित और संवर्धित करे। हम अतीत में देखते हैं तो भारतीय संस्कृति में ऐसे महानायक हुए हैं जिनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है काकोरी के अमर शहीद उसी विराट सांस्कृतिक परंपरा का अंश है। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक प्रोफेसर अरविंद तिवारी, डॉ उमेश सिंह, रोहित त्रिपाठी सहित अनेक शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।