सबरीमाला, ‘चौकीदार चोर है’ और राफेल सौदे पर दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा। सीजेआई रंजन गोगोई की नेतृत्व वाली पीठ इन दोनों अहम मामलों पर फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले साल 28 सितंबर को सबरीमाला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले फैसले पर दोबारा विचार की मांग वाली 65 पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल हुईं थीं।
धार्मिक संगठनों ने शीर्ष कोर्ट के फैसले को वर्षों से चली आ रही परंपरा का उल्लंघन करार देते हुए विरोध जताया था। सीजेआई के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय पीठ बृहस्पतिवार को इन याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगी। पीठ ने इस साल छह फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष कोर्ट ने 4:1 के मत से 28 सितंबर को 10 से 50 साल तक की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध को खत्म कर दिया था।
वहीं 58 हजार करोड़ रुपये के 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद मामले में मोदी सरकार को क्लीन चिट देने वाले फैसले के खिलाफ दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ फैसला सुनाएगी।
इन याचिकाओं में कुछ पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण की याचिकाएं भी हैं। याचिका में राफेल सौदे की एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई थी जिसे शीर्ष कोर्ट ने पिछले साल 14 दिसंबर को खारिज कर दिया था।
उसके बाद कुछ और तथ्यों के साथ पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर दिया। शीर्ष कोर्ट ने 10 मई को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इस पीठ में जस्टिस एसके कॉल और जस्टिस केएम जोसेफ भी शामिल हैं।
राहुल पर मानहानि मामले में भी फैसला
राफेल विवाद मामले में भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल मानहानि मामले में भी सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकती है। मीनाक्षी लेखी ने पीएम नरेंद्र मोदी के लिए ‘चौकीदार चोर है’ के नारे के प्रयोग को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जोड़ने के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की थी।