कुल्लू। अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव की कुल्लू में धूम मची है। दशहरा के चौथे दिन भगवान नरसिंह की तीसरी जलेब शाही अंदाज में निकली। भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह पालकी में सवार हुए। ढोल-नगाड़ों की थाप पर सैंज घाटी के देवताओं के संग देवलू भी झूमे। जलेब का भव्य नजारा देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी।
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इससे पहले करीब 4:00 बजे राजा की चानणी के पास जलेब की तैयारियां शुरू हुईं। सैंज घाटी के पांच देवी-देवता राजा की चानणी के पास एकत्रित हुए, फिर जलेब चलना शुरू हुई। आगे-आगे नरसिंह भगवान की घोड़ी चली और पीछे जलेब का लाव-लश्कर चला।
अस्पताल सड़क होते हुए कॉलेज गेट के पीछे, पुराने स्टेट पार्क, बीडीओ ऑफिस, रथ मैदान, एसपी कार्यालय से होते हुए जलेब वापस राजा की चानणी के पास पहुंची। ढोल-नगाड़ों की थाप पर देवताओं संग देवलू भी झूमे। नाचते-गाते देवताओं संग देवलुओं का नजारा देखते बन रहा था। जलेब से भगवान नरसिंह ने ढालपुर में रक्षा सूत्र बांधा। जलेब के इस भव्य नजारे का पर्यटकों ने भी लुत्फ उठाया। जलेब दशहरा उत्सव के चौथे दिन सबके आकर्षण का केंद्र रही।
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गौरतलब है कि दशहरा में निकलने वाली जलेब के माध्यम से नरसिंह भगवान ढालपुर के पूरे मैदान में रक्षा सूत्र बांधते हैं। देवलू संजय ठाकुर, नेसू राम, रविंद्र शर्मा और मनु ने कहा कि जलेब में काफी अधिक संख्या में देवलू भी शामिल हुए। देवलुओं को प्रतिदिन होने वाली जलेब का बेसब्री से इंतजार रहता है। वहीं, भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह का कहना है कि वीरवार को होने वाली जलेब में आनी क्षेत्र के देवता शामिल होकर इसकी शोभा बढ़ाएंगे।