लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार संरक्षक कुलपति प्रो आलोक कुमार राय के निर्देशन में स्वयम (स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स) पाठ्यक्रमों के चयन और अनुमोदन पर चर्चा करने के लिए आज एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। बैठक में विश्वविद्यालय के डीन, विभागाध्यक्ष, समन्वयक और निदेशकों ने भाग लिया, जिन्होंने डिजिटल शिक्षा पहल को बढ़ाने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
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बैठक प्रति कुलपति प्रो मनुका खन्ना की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित की गई, जिन्होंने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण ऑनलाइन सीखने के अवसर प्रदान करने के लिए स्वयं पाठ्यक्रमों को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में एकीकृत करने के महत्व पर जोर दिया।
डीन अकादमिक, प्रो गीतांजलि मिश्रा ने बैठक का अवलोकन प्रदान किया, जिसमें पारंपरिक शिक्षण विधियों के पूरक के रूप में इन MOOCs (मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स) को अपनाने के उद्देश्यों और महत्व को रेखांकित किया।
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स्वयं की समन्वयक डॉ किरण लता डंगवाल ने विचार-विमर्श में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उन्होंने SWAYAM MOOCs की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला और लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा इन्हें अपनाने पर जोर दिया।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे ये पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि विद्यार्थियों को कक्षा से परे विविध शिक्षण संसाधनों तक पहुँच प्राप्त हो।
चर्चा में विभिन्न विषयों में विद्यार्थियों के लिए सबसे उपयुक्त पाठ्यक्रमों का चयन करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण अनुभव सुनिश्चित करने और डिजिटल शिक्षा के माध्यम से रोजगार क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने SWAYAM पाठ्यक्रमों को शैक्षणिक ढांचे में निर्बाध एकीकरण और छात्र जागरूकता और भागीदारी के तंत्र के लिए रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श किया।
बैठक सकारात्मक रूप से संपन्न हुई, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने SWAYAM के माध्यम से ऑनलाइन सीखने की परिवर्तनकारी क्षमता को स्वीकार किया। लखनऊ विश्वविद्यालय नवीन शिक्षण पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, यह सुनिश्चित करता है कि विद्यार्थियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से विश्व स्तरीय शिक्षा मिले।