महाशिवरात्रि पूरे वर्ष में पड़ने वाली सभी शिवरात्रियों में सबसे खास मानी जाती हैं। जिससे इस दिन हर शिवभक्त की यह इच्छा होती है कि उस पर भगवान शिव की कृपा बरसे। जिससे इस दिन शिव की पूजा का विशेष महत्व है।
- भक्तों के लिए औघड़दानी कहे जाने वाले शिव जी जितनी जल्दी खुश होते हैं।
- उतनी ही जल्दी नाराज भी हो जाते हैं।
- ऐसे में इस शिवरात्रि में इन बातों का खास खयाल रखना बहुत जरूरी है।
भगवान शिव के साथ मां पार्वती की पूजा का रखें विशेष खयाल
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था। ऐसे में इस दिन शिव जी संग माता पार्वती की पूजा करना शुभ होता है। इस दिन पूजन के साथ व्रत रखने से भी भोलेबाबा भक्तों पर खुश होकर उनकी हर इच्छा पूरी करते हैं।
- महाशिवरात्रि के दिन शिव पूजन के दौरान शिव मूर्ति के समक्ष भस्म जरूर रखना चाहिए।
- इसके अलावा भगवान शिव के आंसू से उत्पन्न हुए रूद्राक्ष को भी इस दिन उनके सामने रखना चाहिए।
- मान्याता है कि इससे घर के दोष खत्म हो जाते हैं।
- शिव प्रतिमा के सामने गंगा जल रखने से शिव के वरदारन से हर काम में तरक्की मिलती है।
- चांदी या तांबे के त्रिशूल व नाग को पूजा घर में रखने से किसी तरह से नकारात्मक चीजों का असर नहीं होता है।
- महाशिवरात्रि के दिन काले रंग का प्रयोग न करें तो अच्छा होगा।
- इस दिन कोशिश करें कि काले रंग के कपड़े न पहनने से बचें। इसके अलावा जूते, बेल्ट और रूमाल आदि न लें।
- मान्यता है कि काले रंग को धारण से भगवान शिव जी क्रोधित हो सकते हैं।
- महाशिवरात्रि के दिन शिव पूजन में कुमकुम और नारियल को बिल्कुल न शामिल करें।
- मान्यता है कि भोले बाबा वैरागी हैं और कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
- वहीं नारियल मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और मां लक्ष्मी विष्णु जी की पत्नी हैं।