पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने अपना रुख बदल लिया है। उन्होंने सीपीएम पर हमला बोलते हुए कांग्रेस के खिलाफ सधी हुई चुप्पी साध ली है। भाजपा के खिलाफ तैयार विपक्षी दलों के गठबंधन (INDIA) में शामिल होने और कांग्रेस आलाकमान के साथ उनके नए संबंधों के कारण उन्होंने यह बदलाव किया है। इससे पहले उन्होंने कई मौकों पर पश्चिम बंगाल कांग्रेस पर जोरदाम हमला किया है। कांग्रेस के एकमात्र विधायक को भी अपने पाले में कर लिया था।
बेंगलुरु में आयोजित दूसरी बैठक में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच नजदीकियां देखने को मिली थी। दोनों दलों ने मिलकर इस नए गठबंधन का नाम INDIA रखा था। इसके ठीक 10 दिनों के बाद ही पश्चिम बंगाल में कटु संबंध फिर से सबके सामने आ गए। अधीर रंज चौधरी ने कहा, ”ममता 2011 में कांग्रेस की मदद से सत्ता में आई थीं। तब उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया था। बंगाल की जनता का अब ममता बनर्जी से मोहभंग हो गया है। इसलिए, उन्हें लगा कि अब उन्हें कांग्रेस से हाथ मिला लेना चाहिए। तृणमूल को अब कांग्रेस की सख्त जरूरत है।”
ममता के विपरीत पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने तृणमूल पर अपना हमला जारी रखा है। बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन ने शनिवार को कहा, “तृणमूल कांग्रेस के नेता भ्रष्ट हैं। बीडीओ और राज्य प्रशासन तृणमूल कांग्रेस के निर्देश पर काम करते हैं।” इस पूरे प्रकरण पर राजनीतिक विश्लेषक उदयन बंद्योपाध्याय ने कहा, “INDIA में शामिल सभी पार्टियों को लोगों के पास जाना होगा और उन्हें बताना होगा कि गठबंधन केंद्र में बीजेपी को रोकने के लिए है।”