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SC के फैसले पर ममता बोलीं- न्यायपालिका के प्रति सम्मान है, लेकिन फैसला स्वीकार नहीं

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द कर दिया है। स्कूल शिक्षकों की नियुक्तियों को अमान्य करार देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि, न्यायपालिका के प्रति सर्वोच्च सम्मान है, लेकिन फैसले को स्वीकार नहीं कर सकती। ममता ने कहा कि नौकरी खो चुके लोगों से मिलेंगे, उनसे उम्मीद न खोने को कहेंगे।

बनर्जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, मैं न्यायपालिका और न्यायाधीशों का बहुत सम्मान करती हूं, लेकिन मैं मानवीय दृष्टिकोण से इस फैसले को स्वीकार नहीं कर सकती। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेगी।

उन्होंने कहा, हमें फैसले को स्वीकार करना होगा और कानूनी रूप से जो भी संभव हो, वह करना होगा। बनर्जी ने कहा कि राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी इस मामले में जेल में हैं। उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए पूछा, “व्यापम मामले में कितने भाजपा नेताओं को गिरफ्तार किया गया? उन्होंने सवाल किया, “क्या भाजपा पश्चिम बंगाल की शिक्षा प्रणाली को ध्वस्त करना चाहती है? मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उन लोगों से मिलेंगी, जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी है। उन्होंने कहा, मैं उनसे कहूंगी कि वे उम्मीद न खोएं। ममता ने कहा, मैं 7 अप्रैल को नेताजी इंडोर स्टेडियम में उनसे मिलूंगी। मैं मानवीय आधार पर उम्मीदवारों के साथ हूं। इस कदम के लिए, अगर भाजपा मुझे जेल भेजना चाहती है, तो वे भेज सकते हैं। अगर आप इसके लिए तैयार हैं तो मुझे पकड़ लें।

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