फाइनल ईयर एग्जाम को लेकर लगातार बढ़ रहे असमंजस को देखते हुये मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसके लिए एक स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर यानी एसओपी जारी किया है. इसके तहत एग्जाम के वक्त दो मीटर का डिस्टेंस बनाए रखना और बीच में एक सीट खाली छोडऩे जैसे उपाय भी बताए गए हैं.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने फाइनल ईयर एग्जाम के लिए जारी एसओपी में कहा है कि हर सत्र के बाद एग्जाम सेंटर को पूरी तरह सेनेटाइज किया जाएगा. जिन स्टूडेंट्स को बुखार, खांसी और सर्दी जुकाम की समस्या है, उन्हें अलग से बैठाकर पेपर दिलाया जाएगा या फिर उन्हें किसी अन्य दिन परीक्षा देने का विकल्प भी दिया जा सकेगा. एग्जाम सेंटर में परीक्षार्थियों को फ्रेश मास्क पहनने को दिए जाएंगे. एग्जाम सेंटर के प्रवेश और निकास मार्ग पर थर्मल स्कैनिंग, सैनेटाइजर और फेस मास्क के इंतजाम होंगे.
जानकारी के अनुसार एसओपी में ये भी कहा गया है कि अगर कोई स्टूडेंट ऐसी जगह रहता है, जहां आवाजाही पर लिमिटेशन हैं तो ऐसे स्टूडेंट्स के लिए एडमिट कार्ड उनके वहां से बाहर निकलने का पास माना जाएगा. इसके अलावा एग्जाम सेंटर में चार लाइनों में परीक्षार्थियों को बैठाने की बात कही गई है और वो भी एक-एक सीट छोड़कर.
गौरतलब है कि यूजीसी ने रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी कर दी है. यूजीसी ने घोषणा की है कि यूनिवर्सिटी में फाइनल एग्जाम सितंबर में होंगे यानी यूनिवर्सिटियों के फाइनल एग्जाम रद्द नहीं होंगे. इससे पहले यह खबर आई थी कि यूजीसी की एक कमिटी ने फाइनल इयर के एग्जाम को भी रद्द करने की सिफारिश की है. तब यह माना जा रहा था कि अन्य सेमेस्टर अथवा टर्म की तर्ज पर ही फाइनल इयर का रिजल्ट भी पहले हो चुके एग्जाम और इंटर्नल असेसमेंट के आधार पर तैयार किया जाएगा, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि ऐसा कुछ नहीं होगा.