खो-खो विश्व कप में भारत की महिला और पुरुष टीमों की जीत के बाद केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने खो-खो को एशियाई खेलों और 2036 ओलंपिक में शामिल करने की इच्छा जताई है। मांडविया ने विश्व विजेता महिला और पुरुष खो-खो टीम को सम्मानित किया और कहा कि खो-खो को एशियाई खेलों और 2036 ओलंपिक में शामिल करने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत होगी।
पुरुष और महिला खो-खो टीम का किया सम्मान
सम्मान समारोह में पुरुष और महिला टीमों के साथ टीम के कोच और भारतीय खो-खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल सहित अन्य लोग शामिल हुए। भारतीय पुरुष और महिला टीमों ने 19 जनवरी को इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में पहले खोखो विश्व कप का खिताब जीता था। दोनों भारतीय टीमों ने फाइनल में नेपाल को हराया।
भारत का लक्ष्य 2036 ओलंपिक की मेजबानी करना
भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है और उसने अपनी महत्वाकांक्षी योजना की दिशा में पहला ठोस कदम उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के भविष्य मेजबान आयोग को अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए एक आशय पत्र प्रस्तुत किया है। अगर भारत को मेजबानी का अधिकार मिलता है तो खो-खो उन छह खेलों में से एक होगा जिन्हें मंत्रालय की मिशन ओलंपिक इकाई (एमओसी) टी20 क्रिकेट, कबड्डी, शतरंज और स्क्वाश के साथ 2036 ओलंपिक में शामिल करने की सिफारिश करने की योजना बना रही है।
मांडविया ने कहा, हमने खो-खो विश्व कप का आयोजन करके शानदार काम किया है और हमें यह प्रयास करना चाहिए कि इन खिलाड़ियों को एशियाई खेलों में खेलने का मौका मिले। सरकार का प्रयास खो-खो को 2036 के ओलंपिक में ले जाना भी है। इसके लिए खिलाड़ियों और कोचों को अच्छा प्रदर्शन करते रहना होगा, महासंघ को अच्छा प्रबंधन करते रहना होगा और खेल मंत्रालय खिलाड़ियों के प्रदर्शन के स्तर को बढ़ाने में सहायता और सहयोग करता रहेगा।