प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात में बच्चों के लिए पहले भी बहुत कुछ कहते रहे है। एक बार उन्होंने बच्चों को स्वच्छता अभियान का ब्रांड अम्बेसडर बताया था,उन्हें स्कूल से लौटकर बैग कैसे रखना चाहिए,घर के बुजुर्गों के साथ कैसे रहना चाहिए,असफलता से निराश नहीं होना चाहिए,चिड़ियों को दाना पानी देना चाहिए,आदि अनेक सन्देश वह देते रहे है। इस बार उन्होंने बच्चों के खिलौने पर व्यापक विचार प्रस्तुत किये। सतही तौर पर यह सामान्य बात लग सकती है, लेकिन उनका यह विचार आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुरूप है,जिसमें वह स्वदेशी खिलौनों के निर्माण का आह्वान करते है,बच्चों को स्वदेशी खिलौने ही लेने को प्रोत्सहित करते है।
इस बार उन्होंने मन की बात में कृषि,ऐप, प्रकृति खिलौने आदि के जो विषय उठाये उनका मूलभाव स्वदेशी व आत्मनिर्भरता है। चीन निर्मित खिलौने भी बाजार में पिछले दशक से दबदबा बनाये हुए है। मोदी ने रवींद्रनाथ टैगोर के विचारों का उल्लेख किया। खिलौने ऐसे ना हो,जो बचपन के साथियों से दूर कर दें, बचपन को ही छीन लें।भारत में खिलौना उद्योग भी आत्मनिर्भरता अभियान को आगे बढ़ाएगा।
भारत खिलौने निर्माण का का बहुत बड़ा हब बन सकता है। मोदी ने किसानों का भी वंदन किया। कहा कि किसानों की शक्ति से ही तो हमारा जीवन व समाज चलता है। हमारे पर्व किसानों के परिश्रम से ही रंग बिरंगे बनते हैं। वह ऋग्वेद के सूक्त का उल्लेख करते है।
अन्नानां पतये नमः, क्षेत्राणाम पतये नमः. अर्थात, अन्नदाता को नमन है,किसान को नमन है।
हमारे देश में इस बार खरीफ की फसल की बुआई पिछले साल के मुकाबले सात प्रतिशत ज्यादा हुई है। उन्होंने ऑनलाइन व इकोफ्रेंडली गणेशोत्सव को सराहनीय बताया।इसी प्रकार ओणम की धूम दूर सुदूर विदेशों तक पहुंची हुई है। अमेरिका यूरोप,खाड़ी देश तक ओणम का उल्लास दिखाई दिया। ओणम एक अंतररार्ष्ट्रीय पर्व बनता जा रहा है। ऐप के मामले में भी उन्होंने भारत को आत्मनिर्भर बनाने का विश्वास व्यक्त किया।
“आत्मनिर्भर app innovation challenge के results देखकर आप ज़रूर प्रभावित होंगे । काफी जाँच-परख के बाद,अलग-अलग category में, लगभग दो दर्जन Apps को award भी दिए गये हैं। @narendramodi .”