Breaking News

महामारी से बचने के लिए सामूहिक एवं एकजुट कार्रवाई जरूरी : मोदी

नई दिल्ली। भारत ने कोविड-19 महामारी जैसी वैश्विक आपदाओं से दुनिया को बचाने के लिए वसुधैव कुटुम्बकम् के मंत्र के आधार पर एकजुट एवं सामूहिक रूप से कदम उठाने तथा अधिनायकवाद, आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद, दुष्प्रचार एवं मिथ्या सूचनाओं तथा आर्थिक दमन के खतरों से मानवीय मूल्यों की रक्षा का आज आह्वान किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो दिवसीय 47वें जी-7 शिखर सम्मेलन में वर्चुअल भाग लिया। हाइब्रिड मॉड में आयोजित इस सम्मेलन की अध्यक्षता ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने की। सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों, जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सीरिल रामाफोसा और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन शामिल हुए।

जॉनसन ने टेलीफोन करके मोदी से ब्रिटेन आने एवं सम्मेलन में भाग लेने की आग्रह किया था लेकिन प्रधानमंत्री ने देश में कोविड-19 महामारी की गंभीर स्थिति को देखते हुए व्यक्तिगत रूप से आने में असमर्थता व्यक्त की थी। सम्मेलन में दूसरे दिन रविवार को खुले समाज एवं मुक्त अर्थव्यवस्था शीर्षक वाले सत्र में प्रधानमंत्री श्री मोदी प्रमुख वक्ता थे।

उन्होंने लोकतंत्र तथा विचार की स्वतंत्रता को लेकर भारत की सभ्यतागत प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र होने के नाते भारत जी-7 एवं मेहमान देशों का स्वाभाविक साझीदार है जो अधिनायकवाद, आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद, दुष्प्रचार एवं मिथ्या सूचनाओं तथा आर्थिक दमन के खतरों से अपने समान मूल्यों की रक्षा करने के लिए कृतसंकल्प है। श्री मोदी ने भारत में सामाजिक समावेशन एवं सशक्तीकरण के लिए डिजीटल प्रौद्योगिकी के क्रांतिकारी प्रभाव जैसे आधार, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण आदि के बारे में जानकारी दी और यह भी कहा कि खुले समाज में कुछ खतरे भी आसन्न हैं।

उन्होंने प्रौद्योगिकी संबंधी कंपनियों एवं सोशल मीडिया मंचों का आह्वान किया कि वे अपने उपभोक्ताओं को एक सुरक्षित साइबर वातावरण सुनिश्चित करें। प्रधानमंत्री के विचारों की अन्य नेताओं ने भूरि भूरि प्रशंसा की। जलवायु परिवर्तन पर आयोजित सत्र में श्री मोदी ने सामूहिक कार्रवाई का आह्वान करते हुए कहा कि इस चुनौती से अलग अलग प्रयासों से नहीं निपटा जा सकता है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर भारत की उपलब्धियों की चर्चा की और कहा कि जी-20 देशों में भारत एकमात्र देश है जो तापमान में दो डिग्री की कमी लाने संबंधी पेरिस सम्मेलन के लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में अग्रसर है।

उन्होंने जी-7 देशों के जलवायु कार्रवाई के महत्वाकांक्षी लक्ष्याें एवं नेट जीरो लक्ष्यों की घोषणा की सराहना की और कहा कि इस कार्रवाई में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, वित्तपोषण एवं साझीदारी तथा जलवायु न्याय एवं जीवनशैली में बदलाव आदि सभी आयामों को जोड़ना होगा ताकि विकासशील देशों को प्रगति का मौका मिले। उन्होंने जी-7 को जलवायु वित्तपोषण के लिए सौ अरब डॉलर प्रतिवर्ष देने के पुराने वादे को पूरा करने को भी कहा। मोदी ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़ तथा आपदा प्रतिरोधक अवसंरचना गठबंधन जैसे वैश्विक पहलों में भारत के नेतृत्व को भी रेखांकित किया।

About Samar Saleel

Check Also

अयोध्या के सिद्ध पीठ हनुमत निवास में चल रहा है संगीतमयी श्री राम चरित मानस पाठ

अयोध्या। सिद्ध पीठ हनुमत निवास में भगवान श्रीराम और हनुमान के पूजन के साथ राम ...