मथुरा। वृंदावन नगर निगम क्षेत्र के एक दुकानदार ने महापौर पर 20 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। इस मामले में महापौर ने आरोप को झूठा और मनगढ़ंत होने का दावा करते हुये कहा है कि यदि यह सिद्ध हो गया तो वे राजनीति से सन्यास ले लेंगे। उन्हें अधिक इसलिए नही कहना है कि सांच को आंच नही। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण की जांच के लिए जो कमेटी बनाई गई है उसका परिणाम आने से दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जाएगा। उन्होने कहा कि नगर निगम की जमीन पर किसी को भी कब्जा नही करने दिया जाएगा।
नगर आयुक्त अनुनय झा ने इस प्रकरण की जांच के लिए एक कमेटी बना दी है। पार्षद रश्मि शर्मा, तिलकवीर सिह, सहायक नगर आयुक्त राजकुमार मित्तल, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी शिव कुमार गौतम और कर निरीक्षक उम्मेद सिंह को रखा गया है।नगर आयुक्त के अनुसार यह कमेटी बोर्ड मीटिंग में अपनी जांच रिपोर्ट रखेगी।
बुधवार को नगर निगम की कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पीड़ित परिवार की ओर से महापौर पर 20 लाख रूपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया था। एक दुकान को लेकर हुए इस विवाद में पीड़ित परिवार की ओर से शिल्पी पाल ने यह भी कह दिया था कि यदि उसे न्याय नही मिला और उससे दुकान खाली कराई गई तो वह महापैार के निवास के सामने परिवार के नौ सदस्यों के साथ आत्महत्या कर लेगी।