बसपा सुप्रीमो मायावती ने महिला आरक्षण विधेयक को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं। बुधवार को उन्होंने कहा कि विधेयक में कई प्रावधान ऐसे हैं जिससे महिलाओं को लाभ मिलने में 15-16 साल लग जाएंगे। उन्होंने कहा कि विधेयक को जनगगणना और परिसीमन को पूरा करने के बाद लागू करने की बात कही गई है। सरकार को ये प्रावधान हटाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही आरक्षण नहीं देना चाहती हैं। यह बिल महिलाओं को प्रलोभन देने और आंखों में धूल झोंकने वाला है।
मायावती ने कहा कि अभी तक जनगणना नहीं हुई है और परिसीमन होने में भी कई साल लग जाएंगे। उन्होंने ओबीसी समाज की महिलाओं के लिए आरक्षण में अलग से कोटा तय करने की मांग की है।
उम्मीद की जा रही थी कि महिला आरक्षण विधेयक पास होने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू होगा पर पहले जनगणना और फिर लोकसभा व राज्य सभा की विधानसभाओं के लिए परिसीमन कराए का प्रावधान होने से इसमें काफी समय लग सकता है।