सरकार की कमियों पर ध्यान आकृष्ट करना विपक्ष का अधिकार व कर्तव्य है। यह प्रजातन्त्र की विशेषता है। लेकिन आंतरिक आपदा या बाहरी आक्रमण के समय समाज हित में मर्यादा का पालन भी अपेक्षित होता है। इस समय देश कोरोना की दूसरी लहर को झेल रहा है। सुविधाएं कम पड़ रही है,पीड़ितों की संख्या व उनकी तकलीफ शब्दों में बयान करना मुश्किल है। लेकिन केवल सरकार पर हमले की बात होती तो गनीमत है। सरकार को घेरने के चक्कर में पूरे सिस्टम को ही नकारा बताया जा रहा है। यह नहीं भूलना चाहिए कि कोई भी सिस्टम केवल प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों से नहीं बनता।
यदि इसे मान भी लें तो विपक्षी नेताओं की हमदर्दी दिल्ली महाराष्ट्र राजस्थान सरकार के प्रति क्यों है। उनके निशाने पर पर प्रधानमंत्री व अन्य मुख्यमंत्री है। जाहिर है कि संकट के समय इस दोहरे मापदंड़ पर अमल किया जा रहा है। हमला बोलते समय इस बात का ध्यान भी नहीं रखा जाता कि सिस्टम में कोरोना योद्धा भी शामिल है। इनमें डॉक्टर,नर्स,सफाई कर्मी,सेनेटाइजेशन करने वाले,ऑक्सीजन की सप्लाई करने वाले,सुरक्षा कर्मी आदि लाखों लोग भी शामिल है। ये सभी लोग अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की यथासंभव सहायता कर रहे है। इस माहौल में भी कालाबाजारी करने वाले रासक्षी तत्व सक्रिय है।
इनको सबक सिखाना सरकार की जिम्मेदारी है। इसके अलावा जोखिम उठाकर अच्छे कार्य करने वालों का मनोबल भी बढ़ाना चाहिए। लेकिन विपक्ष इसके लिए भी तैयार नहीं है। इनके बयान कोरोना योद्धाओं को भी निराश करने वाले वाले है। ऐसे नेताओं को बसपा प्रमुख मायावती से प्रेरणा लेनी । उनके बयान से लगा कि सरकार पर हमले के अवसर तो भविष्य में भी मिलेंगे,लेकिन इस समय लोगों के जीवन को सुरक्षित रखने से अधिक महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है।
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि केन्द्र व यूपी सरकार ने कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए तथा आक्सीजन व दवाई आदि की कमी को दूर करने के लिए जो भी जरूरी कदम उठाये हैं यह अच्छी बात है, लेकिन वे सब जमीनी हकीकत में भी समय से लागू होने चाहिये। इन हालातों से निपटने के लिए मोदी और योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही हैं। केन्द्र व यूपी सरकार ने कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए तथा आक्सीजन व दवाई आदि की कमी को दूर करने के लिए जो भी जरूरी कदम उठाये हैं। यह अच्छी बात है।
उन्होंने कहा कि सब जमीनी हकीकत में भी समय से लागू होने चाहिये। इतना ही नहीं अन्य विपक्षी नेता ट्वीट के माध्यम से सरकार पर हमला बोल कर अपना कर्तव्य पूरा कर रहे है। मायावती ने बसपा कार्यकर्ताओं से लोगों की मदद की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि बसपा से जुड़े लोग अपने आस।पड़ोस में कोरोना पीड़ितों की अपने सामर्थ के हिसाब से उनकी हर स्तर पर इंसानियत के नाते इनकी मदद जरूर करें। साथ मदद के दौरान वे कोरोना नियमों का भी सख्ती से अनुपालन अवश्य करें।
इसके पहले भी पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक चीन से डोकलाम विवाद पर भी अन्य विपक्षी नेताओं का ऐसा ही रुख था। इनके बयान भारतीय जवानों का मनोबल गिराने वाले थे। उस समय भी मायावती ने कहा था कि राष्ट्रीय संकट के समय देश को एकजुटता दिखानी चाहिए। आज कोरोना से मुकाबले के लिए भी ऐसी एकजुटता अनिवार्य है। मायावती का बयान कोरोना योद्धाओं का सम्मान बढ़ाने वाला है।