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महापौर ने प्राचीन संकट मोचन हनुमान मंदिर में किया सौंदर्यकरण कार्य का लोकार्पण

लखनऊ। श्री नीम करौरी की तपोस्थली पर उनके जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर लखनऊ के प्राचीन संकट मोचन हनुमान मंदिर एवं बाबा नीम करौरी आश्रम के जीणोद्धार एवं सौंदर्यकरण कार्य का लोकार्पण महापौर संयुक्ता भाटिया ने कर उसे जनता को समर्पित किया।

महापौर ने प्राचीन संकट मोचन हनुमान मंदिर में किया सौंदर्यकरण कार्य का लोकार्पण

उक्त प्राचीन हनुमान सेतु मंदिर में महापौर #संयुक्ता_भाटिया की ओर से मंदिर परिसर के पुजारी आशीष कुमार पाण्डेय के अनुरोध पर रिटेनिंग वॉल, कोटा स्टोन, शौचालय- स्नानघर, परिषर में इंटरलॉकिंग कार्य आदि करा प्रांगण का जीणोद्धार एवं सौंदर्यकरण कार्य कराया गया है।

इस मौके पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने बताया कि लखनऊ का यह ऐतिहासिक मंदिर है, इसमें आगे और भी सौंदर्यकरण करा लखनऊ के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। महापौर ने आगे कहा कि परम् पूज्य बाबा नीम करौरी हिंदू आध्यात्मिक गुरु के रूप में पूजे जाने वाले बाबा हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त थे। उनको मानने वाले उन्हें हनुमान जी का ही अवतार मानते थे। वह हनुमान जी को अपना आराध्य मानते थे। बाबा जी ने अपने जीवन में लगभग 108 हनुमान मंदिर बनवाए।

प्राचीन हनुमान सेतु मंदिर के पुजारी पण्डित आशीष कुमार पाण्डेय ने बताया कि कहा जाता है कि बाबा नीम करौली ने 70 के दशक में राजधानी को बाढ़ की त्रासदी से बचाया था। यहां कि गोमती नदी के उफान को मंदिर निर्माण ने बचा लिया था और बाबा ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बाढ़ के सैलाब को शांत किया था।

हनुमान सेतु पुल का निर्माण बाबा के योगदान से ही हुआ था संभव –पुजारी ने बताया कि नदी पर पुल निर्माण के लिए भी बाबा का योगदान रहा है। पुल बनता और बार-बार गिर जाता था तो लोगो ने कलकत्ता के बिल्डर को बताया कि नीचे हनुमान मंदिर में एक अलौकिक बाबा है, उनके पास जाओ तो समस्या का समाधान हो जाएगा।

बाबा ने अधिकारियों से सामने हनुमान मंदिर निर्माण कराने को कहा और बोले जा सामने हनुमान जी का मन्दिर निर्माण करवा और इसी के साथ बोले कि पुल का निर्माण प्रारंभ कर। बाबा नीम करौरी जी के आशीर्वाद से कोलकाता के उस बिल्डर ने पुल के साथ मंदिर का निर्माण कराया। 26 जनवरी 1967 को मंदिर बनकर तैयार होने के साथ दर्शन शुरू हो गए और पुल भी बन गया।

ऊपर भव्य मंदिर में आज समस्त लखनऊ वासी दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। हम सभी उस मंदिर को हनुमान सेतु मंदिर के नाम से जानते हैं और विद्यार्थी उस मंदिर को ग्रेजुएट हनुमान मंदिर बोलते हैं। परंतु बाबा जी की मुख्य तपोस्थली और प्राचीन संकट मोचन हनुमान मंदिर पुल के नीचे आज भी विद्यमान हैं। जिसका जीर्णोद्धार एवं सौंद्रीकरण का कार्य कर आज महापौर संयुक्ता भाटिया ने बाबा जी के जन्मोत्सव पर लोकार्पण कर उनको नमन किया। पूज्य बाबा #नीमकरौरी जी की भव्य मूर्ति भी आश्रम में स्थपित है जहां वह स्वयं ध्यान लगाते थे।

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उक्त अवसर पर महापौर संयुक्ता भाटिया संग पार्षद विनीता प्रमोद राजन, मंदिर के पुजारी पण्डित आशीष कुमार पाण्डेय, पंडित मनोज, कमल नयन महाराज, पार्षद प्रतिनिधि प्रमोद सिंह राजन, मण्डल अध्यक्ष शैलेन्द्र राय, मण्डल मंत्री विजय सोनकर, वार्ड अध्यक्ष संतोष सिंह, नरेंद्र कुशवाहा, उमेश चांदना, प्रभात खरे, अधिशासी अभियंता अतुल मिश्रा, जोनल अधिकारी सुभाष त्रिपाठी, अवर अभियंता विकास सिंह सहित अन्य भक्त गण मौजूद रहे।

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