स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में एक बार घर-घर दी जाती है दवा
जमुई। जिले के सिविल सर्जन सभागार, सदर अस्पताल में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार भारती ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए जिले में आगामी 20 से 23 सितम्बर तक सर्व जन दवा सेवन अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने इस अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित मीडिया कर्मियों को इस सन्दर्भ में जन जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार के लिए सहयोग के लिए आग्रह किया। कार्यक्रम में आये मीडिया प्रतिभागियों का आभार प्रकट करते हुए सीफार के डिविजनल समन्वयक श्याम त्रिपुरारी ने एजेंडा को साझा किया।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में एक बार घर-घर दवा दी जाती कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रमेश प्रसाद ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में एक बार घर-घर दवा दी जाती है। इसके लिए 2 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए निर्धारित दवा की डोज और खिलाने के तरीकों को क्रमवार तौर पर बताया। उन्होंने बताया कि यह दवा गर्भवती महिलाओं , दो वर्ष कम उम्र के बच्चे और असाध्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को नहीं खिलानी है।
अभियान में तीन लाख इक्तीस हजार हाउसहोल्ड को कवर किया जाना है – कार्यशाला में केयर इंडिया के कार्यक्रम पदाधिकारी (एमडीए) सोमनाथ ओझा ने बताया कि इस अभियान के तहत जिले के तीन लाख इक्तीस हजार हाउसहोल्ड को कवर किया जाना है। दवा खिलाने के लिए आठ सौ अस्सी टीम का गठन किया गया है। जिसमें सत्रह सौ सोलह दवा वितरकों को प्रशिक्षित किया गया है। इन्हें अपने सामने ही दवा खिलाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। मौके पर केयर इंडिया की पुष्पा दास ने कहा फाइलेरिया की रोकथाम के लिए घर के आस-पास साफ़-सफाई रखना जरूरी है। साथ हीं कहा कि नियमित मछरदानी का उपयोग करना अनिवार्य है।
वहीं जिला वेक्टर बोर्न डिजीज के पदाधिकारी प्रमोद कुमार मंडल ने कार्यशाला में फाइलेरिया के लक्षणों की जानकारी दी। उन्होंने बताया के तहत पैरों व हाथों में सूजन (हाथीपांव) और अंडकोष के सूजन और संक्रमण के पश्चात् बीमारी होने में 5 से 15 वर्षो का समय लग सकता है।
दवा को खाली पेट ना खाएं- प्रश्नकाल के दौरान प्रतिभागी अंजुम, संजय कुमार आदि ने सर्व जन दवा के खाने से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे जानकारी माँगी। इसपर डॉ. रमेश प्रसाद ने स्पष्ट करते हुए बताया कि इस दवा को कोई भी खाली पेट ना खाएं और किसी तरह की मिचली या बुखार की स्थिति में नजदीकी दवाखाना में संपर्क करना बेहतर होगा। कार्यक्रम का समापन प्रिंस कुमार, पीसीआई समन्वयक द्वारा धन्यवाद् ज्ञापन से हुआ।