रायबरेली। नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम एवं ऑल टीचर्स ऐण्ड एम्प्लॉयज़ वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) के आवाह्न पर सांसद आवास घण्टी बजाओ कार्यक्रम के अन्तर्गत बीते दिन अटेवा रायबरेली के द्वारा सांसद सोनिया गांधी को सम्बोधित ‘पुरानी पेंशन बहाली एवं निजीकरण की समाप्ति’ से सम्बन्धित एक ज्ञापन ज़िला कांग्रेस अध्यक्ष पंकज तिवारी को तिलक भवन, निकट बस स्टेशन रायबरेली में सौंपा गया।
कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष पंकज तिवारी ने कहा हमारी पार्टी जनकल्याणकारी योजनाओं की हमेशा से पक्षधर रही है। पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। कांग्रेस शासित राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमांचल प्रदेश में पुरानी पेंशन पहले ही बहाल कर दी गई है और कर्नाटक में कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने के बाद से पुरानी पेंशन बहाली पर चर्चा चल रही है और जल्द ही बहाल हो जाएगी।
इस अवसर पर प्रदेश संगठन मंत्री रजत प्रकाश यादव, ज़िला संयोजक इरफ़ान अहमद, ज़िला महिला संयोजिका सरला वर्मा, महामन्त्री राजकुमार गुप्ता, महिला महामंत्री ममता यादव, संरक्षक राजेश यादव व सुरेन्द्र वर्मा, कोषाध्यक्ष अंजनी मौर्य ने अपनी बात रखते हुए कहा उत्तर प्रदेश के 15 लाख सहित देश के लगभग 01 करोड़ शिक्षक, कर्मचारियों व अधिकारीयों को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) को समाप्त कर शोषणकारी व विभेदकारी नई पेंशन व्यवस्था (NPS) लागू कर दी गयी है। जो न तो शिक्षक कर्मचारियों के हित में है और न ही प्रदेश व देश के हित में है।
अब तो नई पेंशन व्यवस्था के दुष्परिणाम भी सामने आने लगे है। अपने जीवन का स्वर्णिमकाल प्रदेश व देश की सेवा में व्यतीत करने वाला शिक्षक, कर्मचारी व अधिकारी जब नई पेंशन व्यवस्था के अन्तर्गत सेवानिवृत्त होता है तो उसे जीवन के सबसे कठिन समय में जीवनयापन हेतु मात्र ₹1200, ₹1800, ₹3500, ₹4000 पेंशन प्राप्त होती है। जिसके कारण उन्हें अपना जीवनयापन करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हद तो यह है कि देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले अर्धसैनिक बलों को भी पुरानी पेंशन व्यवस्था से वंचित कर दिया गया है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
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इसे ख़त्म करके पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जानी चाहिए। ज़िला मीडिया प्रभारी मोहम्मद नसीम एवं प्रवक्ता अनवर अली व मयंक वर्मा, आशुतोष यादव, अविनाश यादव, सुनील पाल, बीडी गुप्ता, राजेन्द्र यादव, प्रकाश चन्द्र यादव ने कहा सरकारी परिसंपत्तियाँ देश की धरोहर, रोजगार सृजन के माध्यम एवं हमारे देश के गौरव केन्द्र हैं। इन संस्थाओं की परिसंपत्तियाँ एवं उनमें कार्यरत कर्मचारी देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इन संस्थानों का निजीकरण करना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
निजीकरण से जनता का शोषण तथा प्राईवेट कम्पनियों का लाभ होता है। जो एक लोक-कल्याणकारी राष्ट्र की संकल्पना के खिलाफ है। इसलिए निजीकरण शीघ्रातिशीघ्र रोका जाना चाहिए। ज्ञापन कार्यक्रम में शत्रुघ्न कुमार, सज्जन, विश्वनाथ, अनिल यादव, सुरेन्द्र सिंह, राजेश मौर्य, सर्वेश पटेल, ममता यादव, चित्रा मधुकर, शकुंतला, सुमन देवी, प्रियम्वदा, रजनी, सरिता नागेन्द्र, नीरज शर्मा, दुशान्त प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, महेंद्र कुमार सविता समेत सैकड़ों शिक्षक कर्मचारी उपस्थित रहे।