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एकेटीयू में इंफोसिस स्थापित करेगी प्रदेश की पहली मेकर्स लैब

•  कंपनी की तीन सदस्यीय टीम पहुंची विश्वविद्यालय, लैब स्थापना को लेकर अधिकारियों संग की बैठक

• प्रदेश के छात्रों को आधुनिक तकनीकी और विज्ञान से जोड़ने का लैब के जरिये है मकसद

लखनऊ। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय (एकेटीयू) में जल्द ही सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस प्रदेश का पहला मेकर्स लैब स्थापित करेगी। इस लैब के जरिये विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के छात्रों को आधुनिक तकनीकी और विज्ञान से जुड़ने का मौका मिलेगा। छात्र इस लैब में अपने प्रोजेक्ट्स को मूर्त रूप दे सकेंगे। जबकि इसके लिए छात्रों को कोई शुल्क भी नहीं देना होगा। साथ ही करीब 19 हजार ऑनलाइन कोर्सेस भी उपलब्ध होंगे। जिन्हें छात्र पढ़ सकते हैं। परिसर में लैब स्थापित करने के लिए मंगलवार को इंफोसिस के विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय टीम विश्वविद्यालय पहुंची। टीम ने लैब के लिए स्थान देखने के साथ ही अधिकारियों संग बैठक कर इसके रूपरेखा पर चर्चा की। संभावना है कि दिसंबर तक लैब बना लिया जाएगा।

एकेटीयू में इंफोसिस स्थापित करेगी प्रदेश की पहली मेकर्स लैब

इंफोसिस अपने सीएसआर फंड के तहत इस तरह के सामाजिक कार्य करती है। इसी क्रम में कंपनी ने यूपी सरकार के यूपीडेस्को के साथ एमओयू कर प्रदेश के छात्रों को बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए इस लैब को स्थापित करने की योजना बनाई है। पूरे प्रदेश तक पहुंच की वजह से मेकर्स लैब को विश्वविद्यालय में स्थापित करने पर जोर है। कंपनी लैब की स्थापना से लेकर संचालन तक की जिम्मेदारी संभालेगी। कंपनी की ओर से ही लैब में विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी। जो छात्रों का मार्गदर्शन करेंगे।

छठीं से लेकर पीजी तक के छात्र उठा सकेंगे लाभ

कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडे के निर्देशन में कंपनी की ओर से लैब और ऑनलाइन कोर्सेस का लाभ छठीं कक्षा से लेकर पीजी तक के छात्र उठा सकेंगे। छात्रों के लिए टेक्निकल, नॉनटेक्निकल और बिजनेस कम्युनिकेशन, विज्ञान से संबंधित करीब 19 हजार ऑनलाइन कोर्सेस उपलब्ध होंगे। वहीं लैब में आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक्स और थ्रीडी प्रिंटर्स होगा। जहां छात्र अपने प्रोजेक्ट पर कार्य कर सकेंगे। छात्रों को विशेषज्ञों की सहायता भी मिलेगी। पहले चरण में डीजी शक्ति के लाभार्थी बच्चों को प्रशिक्षित किया जाएगा। आपको बता दें कि ऐसा लैब बैंगलोर सहित कुछ ही जगहों पर स्थापित हैं। इसके अलावा कंपनी की ओर से दूर-दराज के गांवों तक बच्चों को तकनीकी और विज्ञान के प्रति जागरूक करने के लिए लैब ऑन व्हील भी शुरू किया जाएगा।

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लैब की रूपरेखा तय करने के लिए कंपनी के प्रोग्राम मैनेजर किरण एनजी, इन्फ्रा टीम मैनेजर मनोज और स्पेशलिस्ट लर्नर संतोष विश्वविद्यालय पहुंचे थे। टीम को उपकुलसचिव डॉ आरके सिंह और डॉ अनुज कुमार शर्मा ने विश्वविद्यालय का भ्रमण कराया। टीम पहले लाइब्रेरी पहुंची। यहां स्थान सहित अन्य सुविधाएं देखी। इसके बाद टीम सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज भी गयी। यहां टीम के सदस्य विभिन्न लैब को देखकर काफी प्रभावित हुए। इसके बाद टीम ने प्रतिकुलपति प्रो मनीष गौड़ के साथ बैठक भी की। जिसमें लैब की रूपरेखा पर चर्चा हुई। इस दौरान यूपीडेस्को के सीनियर कंसल्टेंट मनीष कुमार और सीनियर प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अर्तिका श्रीवास्तव भी मौजूद रहीं।

वित्त अधिकारी ने संभाला कार्यभार

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी के रूप में अतिरिक्त कार्यभार को डॉ राममनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी सुशील कुमार गुप्ता ने मंगलावार को संभाल लिया। आपको बता दें कि 31 जुलाई को स्थाई वित्त अधिकारी जीपी सिंह सेवानिवृत्त हो गये थे।

 

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