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संकल्प से सिद्धि का संदेश

   डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्य शैली विलक्षण है. राष्ट्र और समाज की सेवा में सम्पूर्ण समर्पण.. इसी के अनुरूप परिवार भावना का विस्तार. एक बार उनकी माँ ने कहा था कि हमारे परिवार ने नरेन्द्र मोदी को समाज के लिए समर्पित मान लिया था. ना परिवार ने कभी उनसे कोई अपेक्षा की, ना नरेन्द्र मोदी ने अपने को सीमित दायरे में रखा.मुख्यमन्त्री रहे तो पूरे गुजरात को अपना परिवार माना.

वहा के छह करोड़ लोगों को अपना परिवार मानते रहे, उन्हीं के हित में कार्य करते रहे. प्रधानमंत्री बने तो सवा सौ करोड़ लोगों तक उनका परिवार विस्तृत हो गया. आठ वर्षों तक बिना विश्राम के इस परिवार के सेवा में समर्पित है. यह कार्यशैली और चिंतन ही उनको विशिष्ट बनाता है. बिल्कुल अलग. उनकी यह कार्य शैली योगी आदित्यनाथ में परिलक्षित होती है. वह भी पूरे उत्तर प्रदेश को अपना परिवार मानते हुए समर्पित भाव से शासन कर रहे हैं. उन्होंने सन्यास आश्रम ग्रहण करने के साथ ही अपने परिवार का परित्याग कर दिया था. मनसा वाचा कर्माणा सन्यास समाज और राजधर्म का निर्वाह कर रहे हैं. नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के लिए जन्म दिवस और पर्व आदि भी समाज सेवा के अवसर होते हैं. उनके ये आयोजन भी व्यक्तिगत नहीं होते।

अमित शाह ने ठीक कहा कि नरेन्द्र मोदी ने भारत प्रथम के विचार व गरीब कल्याण के संकल्प से असंभव कार्यों को संभव करके दिखाया है। गरीब कल्याण,सुशासन, विकास,राष्ट्र सुरक्षा व ऐतिहासिक सुधारों के समांतर समन्वय से नरेन्द्र मोदी ने माँ भारती को पुन: सर्वोच्च स्थान पर आसीन करने के अपने संकल्प को धरातल पर चरितार्थ किया है। यह निर्णायक नेतृत्व और उस नेतृत्व में जनता के अटूट विश्वास के कारण ही सम्भव हो पाया है। एक सुरक्षित, सशक्त व आत्मनिर्भर नए भारत के निर्माता मोदी का जीवन सेवा और समर्पण का प्रतीक है। आजादी के बाद पहली बार करोड़ों गरीबों को उनका अधिकार देकर उनमें आशा और विश्वास का भाव जगाया है। भारतीय संस्कृति के संवाहक नरेन्द्र मोदी ने देश को अपनी मूल जड़ों से जोड़ हर क्षेत्र में आगे ले जाने का काम किया है। उनकी दूरदर्शिता व नेतृत्व में नया भारत एक विश्वशक्ति बनकर उभरा है। वैश्विक नेता के रूप में उनकी विशेष पहचान और छवि है. वह दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं. उनके जन्मदिन से लेकर गांधी जयन्ती तक भाजपा सेवा पखवाड़ा मना रही है।

इसके अंतर्गत देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.नरेन्द्र मोदी ने हमेशा की तरह इस बार भी अपना जन्मदिन राष्ट्र सेवा के कार्यों में बिताया. आजादी के कुछ समय बाद ही देश चिता मुख्त हो गया था. नरेन्द्र मोदी ने भारत में विलुप्त हो चुके जंगली चीतों को कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा. पचहत्तर वर्ष बाद आठ चीते देश की धरती पर लौट आए हैं। मोदी ने कहा कि अफ्रीका से हमारे मेहमान आए हैं.
इनको नामीबिया से लाया गया है. अब ये कूनो राष्ट्रीय उद्यान के क्वारंटाइन बाड़े में रहेंगे।

यहां प्रधानमंत्री के लिए दस फिट ऊंचा प्लेटफॉर्म नुमा मंच बनाया गया था। इसी मंच के नीचे पिंजरे में चीते थे। प्रधानमंत्री ने लीवर के जरिए बॉक्स को खोला और चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में विमुक्त किया.कैमरा लेकर उनकी तस्वीर भी ली। इसके साथ ही देश में सात दशक बाद फिर से चीता युग की भी शुरुआत हो गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मप्र के लिए इससे बड़ा कोई तोहफा नहीं है।

देश में चीते विलुप्त हो गए थे. इन्हें फिर से बसाना एक ऐतिहासिक कदम है। यह इस सदी की सबसे बड़ी वन्यजीव घटना है। इससे मध्य प्रदेश में पर्यटन को तेजी से बढ़ावा मिलेगा। आजादी के समय देश में केवल तीन चीते बचे थे.छत्तीसगढ़ में कोरिया के राजा ने इन तीनों का शिकार किया था. इसके बाद देश को चीतों को विलुप्त तो घोषित कर दिया था. लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक सार्थक प्रयास नहीं किए गए.आजादी के अमृत काल में अब देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है। अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने का प्रयास कर रहा है। मोदी ने कहा कि प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण हमारा भविष्य भी सुरक्षित होता है। विकास और समृद्धि के रास्ते भी खुलते हैं।

कुनो नेशनल पार्क में जब चीता के विचरण से चरागाह पारिस्थितिकी तंत्र फिर से बहाल होगा तथा जैव विविधता और बढ़ेगी। यहाँ एशियाई शेरों की संख्या भी बढ़ी है। गुजरात देश में एशियाई शेरों का बड़ा क्षेत्र बनकर उभरा है। इसके पीछे दशकों की मेहनत,अनुसंधान नीतियां जन भागीदारी की बड़ी भूमिका है। बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य समय से पहले पूरा हो गया है.असम में एक समय एक सींग वाले गैंडों का अस्तित्व खतरे में पड़ने लगा था,लेकिन आज उनकी भी संख्या में वृद्धि हुई है। हाथियों की संख्या भी पिछले वर्षों में बढ़कर तीस हजार से ज्यादा हो गई है। देश में पचहत्तर वेटलेंड्स को रामसर साइट्स के रूप में घोषित किया गया है, जिनमें छब्बीस साइट्स पिछले चार वर्षों में ही जोड़ी गई हैं।

मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी me विरोधाभाष नहीं है। देश की प्रगति में इन सभी का योगदान और महत्त्व होता है.पर्यावरण की रक्षा से देश की प्रगति हो सकती है, ये भारत ने दुनिया को करके दिखाया है। प्रकृति पर्यावरण,पशु पक्षी भारत के लिए ये केवल स्थिरता सुरक्षा के विषय नहीं हैं। यह हमारी संवेदनशीलता और आध्यात्मिकता का भी आधार हैं।

इसके अलावा नरेन्द्र मोदी अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्वयं सहायता समूह सम्मेलन में भी सहभागी हुए. उन्होंने कहा कि आमतौर पर वह अपने जन्मदिन पर मां से मिलते हैं.उनका आशीर्वाद लेते हैं। आज मैं उनके पास नहीं जा सका, लेकिन आदिवासी क्षेत्रों और गांवों में कड़ी मेहनत करने वाली लाखों माताएं आज यहां मुझे आशीर्वाद दे रही हैं। यह दृष्य देखकर मेरी मां को संतोष होगा कि भले बेटा आज यहां नहीं आया,लेकिन लाखों माताओं ने आशीर्वाद दिया है। नए भारत में पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारीशक्ति का परचम लहरा रही हैं. विगत आठ वर्षों के दौरान देश में ग्यारह करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाय गए.नौ करोड से ज्यादा उज्जवला के गैस कनेक्शन प्रदान किए गए. करोड़ों परिवारों में नल से जल की सुविधा उपलब्ध करायी गई. महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है।

पिछले आठ सालों में स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने की दिशा में अनेक कदम उठाए गए. आठ करोड़ से अधिक महिलाएं इस अभियान से जुड़ी हैं। सरकार का लक्ष्य हर ग्रामीण परिवार से कम से कम एक महिला को इस अभियान से जोड़ने का है। गांव की अर्थव्यवस्था में, महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार निरंतर काम कर रही है। एक जिला एक उत्पाद के माध्यम से हम हर जिले के लोकल उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर लखनऊ में योगी आदित्यनाथ ने छायाचित्र प्रदर्शनी ‘कहानी भारत मां के सच्चे सपूत की का उद्घाटन किया. इस प्रदर्शनी में नरेन्द्र मोदी की जीवन यात्रा को प्रदर्शित किया गया है. इसमें गुजरात के मुख्यमंत्री तथा भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उनके द्वारा किये गये कार्यों को दर्शाया गया है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नरेन्द्र मोदी महापुरूषों द्वारा देखे गए सपनों को साकार कर रहे है. विगत आठ वर्षों में अनेक योजनाओं के माध्यम से भारत को विकसित बनाने का कार्य चल रहा है. ब्रिटेन को पछाड़ कर भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था व्यवस्था वाला देश बन गया है।

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