कारगिल का प्रसंग पड़ोसी मुल्क की आतंकी मानसिकता और भारतीय सैनिकों के शौर्य का दस्तावेज है। भारत ने सदैव शांति का सन्देश दिया। उसके अनुरूप अंतरराष्ट्रीय राजनीति में प्रयास भी किये। लेकिन पड़ोसी पाकिस्तान पर इस विचार का कोई असर नहीं होता है। यहां आतंकी संगठनों को सनरंक्षण मिलता है। सेना के साथ इनका नापाक गठजोड़ रहता है।
इसी मानसिकता के कारण कारगिल में घुसपैठ की गई थी। लेकिन भारत के जांबाज सैनिकों ने इस विश्वासघात का माकूल जबाब दिया था। उन्होंने जान की बाजी लगा कर घुसपैठियों धूल चटा दी थी। यह शौर्य गाथा विजय दिवस के रूप में प्रतिष्ठित हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले मन की बात में विजय दिवस का उल्लेख किया था। इसमें शहीद हुए भारतीय सैनिकों के प्रति सम्मान व्यक्त किया था।
विजय दिवस पर उत्तर प्रदेश के रणबांकुरों के साहस, शौर्य,पराक्रम और उनकी शौर्य गाथाओं पर केन्द्रित पुस्तक वीरता और सम्मान का विमोचन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए गौरव और गरिमा का अवसर है। बाइस वर्ष पूर्व दुश्मन देश को बुरी तरह परास्त करते हुए कारगिल पर विजय प्राप्त करके दुनिया के सामने भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का लोहा एक बार फिर से मनवाया था। उन्होंने शहीद सैनिकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए शहीदों के परिवारीजन को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार सदैव उनके साथ खड़ी रहेगी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र धर्म के लिए प्रत्येक भारतीय को प्राणपण से जुट करके अपनी सेना, अर्द्धसैनिक बलों और सुरक्षा से जुड़े सभी जवानों के मनोबल को सदैव बनाए रखने का पूरा प्रयास करना चाहिए। अपने पूरे सामथ्र्य से उन्हें सहयोग करना चाहिए। इसीलिए प्रदेश में सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास निदेशालय राज्य के अन्दर सैनिकों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करता है। विगत चार वर्ष में राज्य सरकार ने कुछ निर्णय लिए हैं।
युवा पीढ़ी के अच्छे प्रशिक्षण की व्यवस्था के साथ-साथ सेना में हमारे युवाओं को अवसर मिल सके, इसके लिए राज्य सरकार ने सैनिक स्कूल की स्थापना की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया है। केन्द्र सरकार के नए बजट में देश में सौ नए सैनिक स्कूल की स्थापना प्रस्तावित किये है। प्रदेश में मण्डल मुख्यालय स्तर पर नए सैनिक स्कूल को खोलने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रशिक्षण,अनुशासन तथा राष्ट्र के प्रति समर्पण की अद्भुत मिसाल सैनिक स्कूल के माध्यम से प्रस्तुत की जा सकती है।