Breaking News

रामगढ़ झील में प्रवासी पक्षियों ने दी दस्तक…

तापमान गिरने के साथ ही गोरखपुर के रामगढ़ झील में प्रवासी पक्षियों की आमद शुरू हो गई। तापमान गिरने के साथ ही उनकी संख्या में और ज्यादा इजाफा होगा। इसके अलावा कुछ और प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों के आने की भी उम्मीद है। हिमालय के उपरी हिस्सों सर्दियों में पानी बर्फ में तब्दील हो जाता है। लिहाजा भोजन की तलाश और प्रजनन के लिए प्रवासी पक्षी मैदानी भागों का रुख करते हैं। रामगढ़ झील पहुंचने वाले पक्षियों में इरान से रिवर टर्न और यूरोप से ब्लैक विंग स्टिल्ट पहुंच चुका है। इसके अलावा लेसर विसलिंग डक, कॉमन रेड शेंक, रिवर टर्न, ग्रे हैरोन झील में दिखने लगे है।

बढ़ते कंस्ट्रक्शन, मानव हस्तक्षेप और शोर के कारण भी पक्षियों की आमद हो रही प्रभावित-
वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर चंदन प्रतीक बताते हैं कि इन पक्षियों की आमद पिछले कुछ वर्षों से बिलम्ब से हो रही है। इसका कारण धरती का बढ़ता तापमान भी है। इसके अलावा हाल के वर्षो में रामगढ़ झील के आसपास के एरिया में वाहनों का आवागमन और कंस्ट्रक्शन वर्क बढ़ा है। शोर और मानव हस्तक्षेप के कारण भी यहां पक्षियों की संख्या में कमी आई है। लेकिन अच्छी बात है कि रामगढ़ झील के संरक्षण को लेकर सरकार ने संवेदशीलता दिखाई है। तालाब में एसटीपी से ट्रीट कर पानी डाला जा रहा है जिससे प्रदूषण कम हुआ है। इसके अलावा वहां लगाए गए फब्बारों से भी प्रदूषण में कमी आई है।

जानिए पक्षियों के बारे में-
लेसर विसलिंग डक
बड़े समूह में रहने वाला यह पक्षी हिमालय के उपरी भाग और साऊथ ईस्ट एशिया आते हैं। व्हिसिल की आवाज निकालने के कारण इन्हें विसलिंग डक कहा जाता है। रामगढ़ झील में सर्वाधिक संख्या इन्हीं की दिखती है। ये पक्षी 3 माह के प्रवास के दौरान यहां प्रजनन भी करते हैं।

कॉमन रेड शेंक
यूरोप से आने वाला वे पक्षी रामगढ़ झील में चार जोड़े ही दिखे हैं। दो से तीन माह तक रामगढ़ झील में रहने वाला यह पक्षी काफी तेज आवाज निकालता है। छीछले पानी में रहने वाला यह पक्षी झील में प्रवास के दौरान प्रजनन भी करते हैं।

ब्लैक विंग स्टिल्ट
लम्बी चोच और गुलाबी रंग की लम्बी टॉग वाले इस पक्षी की सबसे पहले झील में आमद होती है। यूरोप से सफर कर गोरखपुर पहुंचने वाला यह आकर्षक पक्षी प्रजन्न भी करता है। झील में ये 100 पक्षियों के झुंड में दिख रहे हैं।

रिवर टर्न
इरान से आने वाला रिवर टर्न 38 से 45 सेंटी मीटर लम्बा होता है। झील में यह पक्षी 20 की संख्या में दिख रहे हैं। छिछले पानी का यह पक्षी एक बार में दो से पांच अंड्डे देता है। दो से तीन माह तक झील में प्रवास के दौरान यह पक्षी प्रजनन करते हैं। सुरक्षा कारणों से यह झील के किनारे नहीं बल्कि बीच में उथली जगह पर रहना पसंद करते हैं।

ग्रे हैरोन
एक मीटर लम्बाई के ये पक्षी यूरोप, एशिया और अफ्रीका से आते हैं। रामगढ़ झील में ये सिर्फ 3 जोड़े ही दिखे हैं। ये पक्षी मार्च के मध्य तक दिखते हैं। ये पक्षी झील में प्रजनन करने के साथ पानी में रहने वाले सांप को भोजन के रूप में पसंद करते हैं।

रिपोर्ट – रंजीत जायसवाल

About Samar Saleel

Check Also

अहंकार जीवन को समाप्ति की ओर ले जाता है- पण्डित उत्तम तिवारी

अयोध्या। अमानीगंज क्षेत्र के पूरे कटैया भादी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन ...