Breaking News

अल्पसंख्यकों ने उठाई एक अलग राजनीतिक दल की मांग, कहा- सलाह पर विस्तार से हो रही चर्चा

बांग्लादेश में हिंसा तो थम गई, लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है। अल्पसंख्यक लगातार डर के साय में जी रहे हैं। यह लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता में हैं। अब हिंदू समुदाय के नेताओं ने एक ऐसे राजनीतिक दल के गठन की वकालत की है, जो उनके अधिकारों की रक्षा कर सके।

दिसंबर से सस्ते हो सकते हैं कर्ज, ब्याज दरें घटने की उम्मीद; 0.75 फीसदी तक घट सकती है रेपो दर

अल्पसंख्यकों ने उठाई एक अलग राजनीतिक दल की मांग, कहा- सलाह पर विस्तार से हो रही चर्चा

इन तीन सलाहों पर हो रही चर्चा

बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद (बीएचबीसीओपी) और अन्य समूहों के हिंदू नेताओं ने एक अलग राजनीतिक दल की स्थापना या आरक्षित संसदीय सीटों की मांग की है। बीएचबीसीओपी के अध्यक्षीय सदस्य काजल देबनाथ ने बताया कि फिलहाल तीन राय हैं, जिन पर विस्तार से चर्चा की जा रही है।

  • 1954 से अलग निर्वाचन प्रणाली पर वापस जाना
  • हिंदुओं के लिए एक अलग राजनीतिक पार्टी की स्थापना
  • अल्पसंख्यकों के लिए संसद में सीटें आरक्षित करना।

बांग्लादेश में हिंसा और सियासी उथल-पुथल के मद्देनजर हिंदू समुदाय ने यह फैसला लिया है।

बांग्लादेश में क्या हुआ?

नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया गया था, जो बाद में हिंसा में बदल गया। बढ़ती हिंसा को देखते हुए पांच अगस्त को हसीना ने इस्तीफा दे दिया था और भारत चली गई थीं। हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को अंतरिम सरकार द्वारा प्रतिस्थापित किया गया और 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को इसका मुख्य सलाहकार नामित किया गया। हालांकि, अंतरिम सरकार बनने के बाद भी अल्पसंख्यकों के घरों और धर्मस्थलों को निशाना बनाया गया।

Please also watch this video

दो हजार से अधिक घटनाएं हुईं

काजल देबनाथ ने कहा कि बीएचबीसीओपी द्वारा एकत्र किए गए आंकड़े हिंदू समुदाय पर हमलों की 2,010 घटनाओं की ओर इशारा करते हैं। इनमें हत्या और शारीरिक हमले, यौन हमले, मंदिरों पर हमले और संपत्ति को नुकसान शामिल हैं। हालांकि सरकार की तरफ से हमले के बारे में कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है।

एक नया राजनीतिक दल बदलाव ला सकता

हिंदू समुदाय के नेता रंजन कर्मकार ने कहा कि राजनीतिक दल बनाने के बारे में चर्चा और विचारों का आदान-प्रदान हमारी प्राथमिकता है। हालांकि कुछ भी अंतिम रूप नहीं दिया गया है, आइए देखें कि यह कैसे होता है। प्रस्तावित राजनीतिक दल परिवर्तन के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम के रूप में काम कर सकता है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित कर सकता है कि उनकी चिंताओं का प्रतिनिधित्व किया जाए तथा उनका समाधान किया जाए।

About News Desk (P)

Check Also

जयशंकर ने सिंगापुर समेत कई देशों के विदेश मंत्रियों से की मुलाकात, संबंधों को और गहरा करने पर दिया जोर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र से इतर संयुक्त अरब ...