दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीति नरम करने के बीच भारत में भी ब्याज दरें दिसंबर से कम हो सकती हैं। ऐसे में जनवरी तिमाही से सस्ते ब्याज दर पर कर्ज मिलना शुरू हो सकता है।
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यूबीएस की रिपोर्ट के अनुसार, महंगाई की दरें लगातार घट रही हैं। चालू वित्त वर्ष में यह भारतीय रिजर्व बैंक के 4.5 फीसदी के अनुमान से 0.30 फीसदी कम रह सकती है। अगस्त में यह 3.65 फीसदी रहा है। ऐसे में आरबीआई दरों में 0.75 फीसदी तक कटौती कर सकता है।
9 बार से रेपो दर स्थिर
खाद्य महंगाई के जोखिम को देखते हुए आरबीआई ने पिछले 9 बार यानी फरवरी, 2023 से रेपो दर को स्थिर रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी कहा है कि ब्याज दरों में बदलाव लंबी अवधि की महंगाई को ध्यान में रखकर लिया जाएगा।
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पिछले हफ्ते अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने 0.5 फीसदी की कटौती किया था। साथ ही, कई और देशों ने भी दरों में कटौती की है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 7 से 9 अक्तूबर के बीच होगी।