कर्नाटक इलेक्शन में Lingayat (लिंगायत) का मुद्दा सभी राजनैतिक पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण होता जा रहा है। एक तरफ कांग्रेस लिंगायत कार्ड खेल रही वहीँ बीजेपी भी अपनी तरह से इन्हे चुनाव के लिहाज से किसी मौके पर छोड़ना नहीं चाहती।
मोदी का लन्दन से Lingayat पारी
आज लिंगायत समुदाय के दार्शनिक और सबसे बड़े समाज सुधारक बासवन्ना की जयंती है। इस मौके में मोदी लन्दन में होते हुए भी इस दिन के महत्त्व को छोड़ना नहीं चाहते। वे आज लिंगायत समुदाय के खास दिन पर लंदन के टेम्स नदी के पास लिंगायत समुदाय के समाज सुधारक बासवन्ना (उन्हें भगवान बसवेशेश्वर भी कहा जाता है) की मूर्ति पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि, “मैं भगवान बसवेशेश्वर की जयंती के मौके पर नमन करता हूं। हमारे इतिहास और संस्कृति में उनका विशेष स्थान है। सामाजिक सद्भाव, भाईचारा, एकता और सहानुभूति पर उनका जोर हमेशा हमें प्रेरणा देता है। भगवान बसवेशेश्वर ने हमारे समाज को एक किया और ज्ञान को महत्व दिया।“
On his Jayanti, I bow to Bhagwan Basaveshwara. He has a special place in our history and culture. His emphasis on social harmony, brotherhood, unity and compassion always inspires us.
Bhagwan Basaveshwara brought our society together and gave importance to knowledge. pic.twitter.com/akJPVyuH5D
— Narendra Modi (@narendramodi) April 18, 2018
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉमनवेल्थ समिट में शिरकत करने के लिए लंदन पहुंचे हैं।
- बता दें ये कार्यक्रम ‘द बसवेशेश्वर फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
- अल्बर्ट तटबंध में स्थापित बसवेशेश्वर की प्रतिमा, ब्रिटेन में एक भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा अनावरण की जाने वाली पहली प्रतिमा है।
क्यों खास हो गया है लिंगायत मुद्दा
- दरअसल कर्नाटक में लिंगायत समुदाय का 17 फीसदी वोट है।
- लिंगायत के हमेशा से ही बीजेपी का मूल वोटबैंक माना जाता रहा है।
- वहीँ कांग्रेस लिंगायत के अलग धर्म के मुद्दे पर अपना वोटबैंक साधने की कोशिश कर रही।
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