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तीन टीमें कर रही थीं देव प्रकाश मधुकर पर काम, दिल्ली में होने की ऐसे मिली जानकारी

अलीगढ़:  2 जुलाई को फुलरई-मुगलगढ़ी में साकार हरि के सत्संग उपरांत जैसे ही भगदड़ मची, वैसे ही मौत का मंजर देखकर कार्यक्रम का मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर हक्का-बक्का रह गया। उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया और वहां से भाग खड़ा हुआ। उसके परिवार वाले भी घर छोड़कर चले गए। उस पर एक लाख का इनाम रखा गया।

हाथरस हादसे के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमों को लगाया गया था, जिनमें से एक टीम दिल्ली में डेरा डाले थी। दूसरी गोरखपुर और एक मैनपुरी में थी। तीनों जगहों पर उसके छिपे होने का अंदेशा सर्विलांस माध्यमों से मिला था। इसी प्रयास में उसके दिल्ली में होने के इनपुट पर दबोचा गया।

बताया गया है कि देवप्रकाश की रिश्तेदारियों पर होमवर्क किया गया। जिसमें अलीगढ़ के मडराक, बुलंदशहर बॉर्डर, मैनपुरी व गोरखपुर में कुछ ऐसी रिश्तेदारियां जानकारी में आईं, जिन पर सर्विलांस के माध्यम से काम हुआ तो सुराग हाथ लगे। बाबा के खास लोगों में शामिल देवप्रकाश के कुछ रिश्तेदार ऐसे भी थे, जिनके संपर्क दिल्ली से जुड़ रहे थे। इसी प्रयास में वह दिल्ली में मिल गया।

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