एक माह तक चलेगा मेला, मुंडन कराने मंदिर परिसर में बैंड-बाजा के साथ आ रहे हैं लोग
बिधूना/औरैया। तहसील के विकास खंड ऐरवाकटरा के गांव दोबामाफी में ऋषि दुर्वासा की तपोभूमि पर अगहन पूर्णमासी (आज सोमवार) से एक माह तक लगने वाला ऐतिहासिक मेला का शुभारंभ हो गया है। ऋषि दुर्वासा की तपोभूमि पर पहले दिन क्षेत्र एवं दूरस्थ गांवों व शहरों से आये हजारों बच्चों का मुंडन संस्कार सम्पन्न हो रहा है।
बता दें कि तहसील के विकास खंड ऐरवा कटरा के गांव दोबा माफी ऋषि दुर्वासा की तपोभूमि है। यहां पर स्थित ऋषि दुर्वासा की समाधि स्थल पर प्रत्येक वर्ष अगहन माह की पूर्णमासी से पूस माह की पूर्णमासी तक एक माह तक ऐतिहासिक मेला का आयोजन होता है।
इस मेले में हजारों किलोमीटर दूर से श्रद्धालु दर्शन करने आते है। इसके अलावा अगहन की पूर्णमासी को हजारों लोग अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कराते हैं। मान्यता अनुसार ऐसा हजारों वर्षों से होता चला आ रहा है।
मंदिर परिसर के आस पास हजारों बीघा भूमि पर मेला लगा हुआ है। जिसमें खाने पीने से लेकर, घरेलू सामान सहित खेलकूद व झूला आदि लगे हुए हैं। मेला के पहले दिन हजारों बच्चों के मुंडन संस्कार होने के चलते हजारों लोगों की बड़ी भीड़ जुटी हुई है। बहुत से लोग बैंड-बाजों के साथ मंडन संस्कार कराने आये हैं। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। मेला में सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन व पुलिस भी पूर्णतया सतर्क है।
मेला परिसर में पुलिस चौकी की स्थापना के साथ बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स भी तैनात किया गया है। मेला परिसर में 20 सीसीटीवी कैमरे भी लगवाये गये हैं। इसके अलावा दोबामाफी को जाने वाली सड़कों पर बैरियर आदि लगाए जा रहे है।
दो दिन पूर्व जिलाधिकारी इन्द्रमणि त्रिपाठी व पुलिस अधीक्षक अभिजीत आर शंकर ने भी मेला स्थल का भ्रमण कर सुरक्षा आदि की जानकारी लेने के साथ संबंधित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे।
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मेला के बारे में मान्यता है कि ब्रिटिश शासनकाल में अंग्रेज भी इस देव स्थान से काफी प्रभावित थे। ब्रिटिश शासन में ही दोबा में दुर्वासा ऋषि समाधि स्थल के कारण वहां रहने वाले लोगों का लगान माफ कर दिया था। दुर्वासा ऋषि के मंदिर पर पूर्णमासी के दिन दर्शन करके मांगी गई मन्नत पूरी होती है। जिसके चलते दूर दराज के श्रद्धालु मंदिर आकर माथा टेकते है।
पूर्णमासी के एक दिन पहले राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और हरियाणा राज्य से हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटने शुरू हो थे। जो रात्रि 12 बजे से ही दर्शन करने को लाइन में लगे हुए है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग अपने बच्चों का मुंडन संस्कार भी करा रहे हैं। मेले को लेकर वर्ष भर से इंतजार कर रहे क्षेत्रीय लोग काफी उत्साहित है।
रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन