विदेश और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन शुक्रवार को कांगो गणराज्य की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा करेंगे। इस दो दिवसीय दौरे के दौरान राज्य मंत्री कांगो गणराज्य (आरओसी) की राजधानी ब्रेज़ाविल में आयोजित होने वाले जैव विविधता पारिस्थितिकी तंत्र और उष्णकटिबंधीय वनों के लिए तीन बेसिनों (अमेजन, कांगो और बोर्नियो मेकांग दक्षिण-पूर्व एशिया) के दूसरे शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है यह भारत के लिए उष्णकटिबंधीय वनों और जैव विविधता पारिस्थितिकी प्रणालियों के संरक्षण में अपने रुख और योगदान को दोहराने का एक अवसर है। इस दौरान राज्य मंत्री मुरलीधरन शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले गणमान्य व्यक्तियों के साथ अलग से वार्ता भी करेंगे।
बता दें कि भारत और कांगो गणराज्य के बीच कांगो के पूर्व-स्वतंत्रता युग से ही मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। 2019 में ब्रेज़ाविल में भारत के रेजिडेंट मिशन के खुलने से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हुए हैं और द्विपक्षीय व्यापार भी लगातार बढ़ रहा है। भारत ग्रामीण विद्युतीकरण, परिवहन प्रणालियों के विकास और सीमेंट संयंत्रों के निर्माण के लिए कांगो की आर्थिक मदद कर रहा है।
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हाल के वर्षों पर गौर करें तो भारत सरकार ने मार्च, 2020 में आरओसी को बाढ़ राहत के लिए मानवीय सहायता के रूप में 1 लाख अमेरिकी डॉलर का दान दिया था, जबकि जून 2020 में कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए आरओसी को टन से अधिक चिकित्सा सामग्री प्रदान की गई थी।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी