उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के कारण हिमालय की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी तबाही मची है. ग्लेशियर फटने से अबतक 10 लोगों की मौत हो गई है. 150 लोगों के लापता होने की आशंका है.
जोशीमठ से करीब 25 किलोमीटर दूर पैंग गांव के ऊपर बहुत बड़ा ग्लेशियर फटा. जिसके चलते धौली नदी में बाढ़ आ गई. इसके बाद हिमस्खलन हुआ और ग्लेशियर की बाढ़ के चलते ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को बड़ा नुकसान हुआ.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना पर वहां के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की. मुख्यमंत्री ने पूरी घटना की जानकारी उन्हें देते हुए बताया कि तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चल रहा है. प्रधानमंत्री मोदी को असम दौरे के दौरान उत्तराखंड में ग्लेशियर हादसे की जानकारी हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की हम लगातार निगरानी कर रहे हैं. पूरा देश, उत्तराखंड के साथ खड़ा है और सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है. वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात करते हुए एनडीआरएफ की तैनाती और राहत एवं बचाव कार्यों का अपडेट प्राप्त कर रहे हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के सम्बंध में मैंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, DG ITBP व DG NDRF से बात की है. सभी सम्बंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं. देवभूमि को हर सम्भव मदद दी जाएगी.
अपर जिलाधिकारी टिहरी शिव चरण द्विवेदी ने बताया कि धौली नदी में बाढ़ आने की सूचना मिलने के बाद जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही हरिद्वार जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है. सभी थानों और नदी किनारे बसी आबादी को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, श्रीनगर जल विद्युत परियोजना को झील का पानी कम करने के निर्देश जारी किए गए हैं. ताकि अलकनंदा का जल स्तर बढ़ने पर अतिरिक्त पानी छोड़ने में दिक्कत न हो.