नागपुर। जिलेभर में प्रांरभिक अवस्था में ही बच्चों को तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के सेवन से बचा लिया जाए तो वे शारीरिक व मानसिक रुप से स्वस्थ होंगे। इसके लिए सबको सामूहिक रुप से प्रयास करना होगा, ताकि ऐसे उत्पादों का सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान न हो व शिक्षण संस्थानों के आसपास इसकी बिक्री न हो। यह जानकारी जिला पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राकेश ओला के निर्देश पर सोमवार को संबंध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) व चंद्रपुर कैंसर केयर फाउंडेशन द्वारा कोटपा पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों व जवानों को दी गई।
इस कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण मोनिका राउत ने कहा कि नागपुर पुलिस जिले में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) को सख्ती से लागू करने की प्रतिबद्ध है ताकि सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने वालों को दंडित किया जा सके। सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने वालों के लिए यह चेतावनी है कि वे या तो सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने से बाज आएं या फिर कोटपा के तहत दंडित होने के लिए तैयार रहें। नियमित रूप से कोटपा का कार्यान्वयन के लिए जिले के पुलिस कर्मियों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
गौरतलब है कि सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए) सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान, प्रत्यक्ष/ अप्रत्यक्ष विज्ञापन और प्रचार नाबालिगों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाता है। इसके कार्यान्वयन से तंबाकू के खतरे को कम करने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में 2.4 करोड़ लोग तंबाकू का सेवन धूम्रपान और चबाने के रूप में करते हैं। तम्बाकू से होने वाली बीमारियों के कारण प्रति वर्ष 72,000 उपयोगकर्ताओं की समय से पहले मौत हो जाती है। सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि 530 बच्चे प्रतिदिन तम्बाकू की लत का शिकार हो रहे हैं।
कोटपा पर पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण देने के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन पुलिस मुख्यालय नागापुर ग्रामीण, टेका नाका पर पुलिस अधीक्षक राकेश ओला द्वारा 16 दिसंबर को किया गया। इसमें जिले के 22 पुलिस स्टेशनों के पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। यह प्रशिक्षण चंद्रपुर कैंसर केयर फाउंडेशन व संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) द्वारा संचालित किया गया। कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र के अन्य 18 जिलों में सीओटीपीए को लागू करने के पुलिस के अनुभव को भी साझा किया गया। महाराष्ट्र सरकार ने तंबाकू के प्रसार को कम करने के लिए एक बड़ी पहल शुरू की है। “तम्बाकू मुक्त महाराष्ट्र अभियान” 24 जनवरी, 2018 को मुंबई में शुरू किया गया था। पुलिस द्वारा सीओटीपीए को लागू करने से स्कूलों के आसपास तंबाकू उत्पादों की उपलब्धता को कम करने, सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने और नाबालिगों को बिक्री को कम करने में मदद मिलगी।
इस मौके पर नागपुर के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राकेश ओला ने कहा, “किसी भी सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और कानूनन् अपराध है। अपने स्वयं के स्वास्थ्य को प्रभावित करने के अलावा, धूम्रपान करने वाला 2 से 4 अन्य लोगों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। यह गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों कैंसर, श्वसन और हृदय संबंधी रोगों का कारण बनता है। इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि बच्चों और युवाओं के तंबाकू सेवन की शुरूआत है। सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना और बच्चों को तम्बाकू उत्पाद बेचना सीओटीपीए के तहत अपराध है और नागपुर पुलिस सीओटीपीए के तहत सख्त कार्रवाई करेगी”।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैंसर सर्जन और वॉयस ऑफ टोबैको विक्टिम्स (वीओटीवी) के संरक्षक डॉ. प्रणव इंगोले ने कहा, “सभी तरह के कैंसर का 50 प्रतिशत और 90 प्रतिशत मुंह का कैंसर तंबाकू के कारण होता है। मरीज, जो प्रमुख मौखिक कैंसर सर्जरी से गुजरते हैं, उनके जीवन की गुणवत्ता पर भारी आघात और नुकसान होता हैं और लगभग 50 प्रतिशत मरीज एक वर्ष से अधिक नहीं बच पाते। वे सभी तम्बाकू का सेवन करने से पछताते हैं। रोकथाम इलाज से बेहतर है इसलिए मैं पुलिस से अनुरोध करता हूं कि सीओटीपीए के कार्यान्वयन को सख्ती से अनुपालन कर इस दिशा में वे अपना महत्वपूर्ण योगदान दे”।
पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को टाटा ट्रस्ट् के डॉ. पॉल सेबेस्टियन ने बताया कि, “मैं खुद एक कैंसर सर्जन हूं और तंबाकू के कारण परिवारों को तबाह होते देखा है। महाराष्ट्र में अकेले 529 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू का सेवन करते हैं। हर साल 72,000 लोग तंबाकू से संबंधित बीमारियों के कारण मरते हैं। सीओटीपीए का कार्यान्वयन निश्चित रूप से तंबाकू के खतरे को कम करने में मदद करेगा”। पुलिस कानून लागू कराने की एक मजबूत एजेंसी है और उसे नियमित और प्रभावी ढंग से सीओटीपीए को लागू करना चाहिए, जो निश्चित रूप से तंबाकू के प्रसार और इसकी लोगों तक पहुंच को कम करेगा।