विवादों में रहने वाले वृन्दावन के कथावाचक देवकीनन्दन ठाकुर एक बार फिर विवादों में पड़ते हुए दिखाए दे रहे है। इससे पहले भी देवकीनन्दन आरक्षण व एससी, एसटी एक्ट के खिलाफ बयानबाजी कर विवादों में आ चुके है।
14 दिसंबर 2019 को एक लड़की ने शारीरिक शोषण और आपत्तिजनक वीडियो बनाए जाने के संबंध जब अनुसूचित जाति की महिला एवं उसके पति को यह बात बताई तो वह सन्न रह गए क्योंकि पिछले तीन साल से उसका पति व स्वयं महिला शांति सेवाधाम की कार्यकर्ता रही है।
वृन्दावन के भागवत कथावाचक देवकीनन्दन ठाकुर और उनके भाई विजय शर्मा सहित आधा दर्जन लोगों के खिलाफ अनुसूचित जाति से संबंधित व्यक्ति के घर में घुसकर मारपीट करने, जातिसूचक संबोधन करने एवं वहां मौजूद महिला से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है। एसएसपी का कहना है कि मामले की प्राथमिक विवेचना कराई जा रही है जिसके आधार पर ही कार्यवाही की जाएगी।
इस संबंध में सोमवार को क्षेत्राधिकारी वरुण कुमार ने बताया कि 27 फरवरी 2020 को पीड़ित की तहरीर प्राप्त हुई थी, जिसके आधार पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार यह मामला थाना हाईवे की एक कालोनी का है।
उसमें आरोप लगाया गया है कि 24 फरवरी को छटीकरा रोड, वृन्दावन में स्थित शांति सेवा धाम के मुख्य ट्रस्टी एवं कथावाचक देवकीनन्दन ठाकुर, उनके भाई विजय शर्मा तथा गजेंद्र, श्याम सुंदर, अमित और धर्मेंद्र ने वादी के घर में घुसकर उसको बुरी तरह मारा-पीटा, उसके साथ गाली-गलौज की,उसे जान से मारने की धमकी दी और उसकी पत्नी से छेड़छाड़ भी की गई। पुलिस को सूचना देने आरोपी मौके से भाग गए। वरुण कुमार ने बताया कि विवेचना के सारे सुबूत एकत्रित होने पर आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
गौरतलब है कि वृन्दावन के कथावाचक देवकीनन्दन उस समय सुर्खियों में आए थे जब अपने पहले कार्यकाल में मोदी सरकार ने एससी एसटी एक्ट के कुछ प्रावधानों पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को नए संशोधन से पलट दिया था और उस समय उन्होंने कई शहरों में सवर्णों के विरोध प्रदर्शनों की अगुआई की थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने बतायार कि इस मामले की जांच रिफाइनरी क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक वरुण कुमार को दी गई है। वह जल्द ही अपनी रिपोर्ट देंगे। परिणाम आने पर उसी के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।