नई दिल्ली। राफेल सौदे और 1984 के सिख दंगों को लेकर Parliament संसद में जमकर हंगामा हुआ। सत्तापक्ष ने विपक्ष को दोनों मामले को लेकर घेरा तो विपक्ष भी जवाब में नारेबाजी करने लगा। इसके बाद बढ़ते हंगामें और शोरगुल को देखते हुए सदन की कार्यवाही को पहले कुछ देर और फिर बाद में बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
Parliament के बाहर चल रही
Parliament के बाहर चल रही बयानबाजी के अलावा अब मामले में लोकसभा में भी ’लड़ाई’ की अगली तैयारी है। इसी क्रम में भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तो कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। इन नोटिसों पर फैसला तो स्पीकर सुमित्रा महाजन को लेना है लेकिन दोनों पक्ष जोर अजमाइश तो करेंगे ही। स्पीकर यदि नोटिस स्वीकार करती हैं तो अगली कार्रवाई के लिए उसे विशेषाधिकार कमेटी के पास भेजा जाएगा।
भाजपा के तीन सांसदों, अनुराग ठाकुर, निशिकांत दुबे तथा संजय जैस्वाल ने मानसून सत्र में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण के संदर्भ में यह नोटिस दिया है। राहुल पर राफेल सौदे को लेकर सदन में ’झूठ बोलने’ तथा ’सदन को गुमराह’ करने का आरोप लगाया गया है।
भाजपा सांसदों ने अपने नोटिस में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण के उस अंश का हवाला दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि संप्रग सरकार 520 करोड़ रुपये प्रति राफेल विमान खरीदने पर सहमत हुई थी लेकिन भाजपा नीत राजग सरकार ने ’मैजिक’ से उसकी कीमत बढ़ाकर 1600 करोड़ रुपये प्रति विमान के सौदे पर दस्तखत किया है। उन्होंने आरोप लगाया है- ’उक्त बयान पूरी तरह असत्य है.. हम जोर देकर कहते हैं कि राहुल गांधी द्वारा की गई कीमतों की तुलना काल्पनिक, गलत तथा झूठ है। यह सदन को गुमराह करने की कोशिश थी।