लखनऊ। नवयुग कन्या महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के सप्त दिवसीय विशेष शिविर के पंचम दिवस का आयोजन रविवार को राम लीला मैदान, ऐशबाग (Ram Leela Maidan, Aishbagh), में हुआ। विशेष शिविर की थीम यूथ फॉर माय भारत एंड यूथ फॉर डिजिटल लिटरेसी (My India and Youth for Digital Literacy) है। सत्र का प्रारंभ शिविर स्थल की साफ सफाई, लक्ष्य गीत गायन तथा योगाभ्यास (Yoga Practice) के साथ हुआ। तत्पश्चात राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारियों के संरक्षण में स्वयंसेवकों ने रैली निकालकर मलिन बस्ती में लोगों को डिजिटल साक्षरता तथा जल संरक्षण (Digital Literacy and Water Conservation) के प्रति जागरूक किया। सत्र में छात्राओं के लिए जीवन कौशल विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
सत्र में बतौर विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर अंशुमाली शर्मा, विभागाध्यक्ष, जंतु विज्ञान विभाग जेएनपीजी कॉलेज ने अपने व्याख्यान में कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के विशेष शिविर का आयोजन स्वयं सेवकों एवं स्वयं सेविकाओं को समाज से जोड़ने के उद्देश्य से किया जाता है। एनएसएस के माध्यम से हर बच्चे को अपनी छुपी हुई प्रतिभा को पहचानने एवं निखारने का अवसर प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि एनएसएस एक जीवन पद्धति है। इसके माध्यम से छात्रों एवं छात्राओं में समाज के प्रति संवेदनशीलता, समूह भावना एवं नेतृत्वशीलता को विकसित किया जाता है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक व्यावहारिक परिवर्तन ही जीवन कौशल है तथा एनएसएस इसे सीखने का माध्यम है। प्रोफेसर अंशुमाली शर्मा ने छात्राओं को जीवन कौशल के विभिन्न तत्वों के विषय में विस्तार से जानकारी दी।
भोजनावकाश के पश्चात द्वितीय सत्र का आरंभ हुआ। इस सत्र में छात्राओं के लिए महिला सशक्तिकरण विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में एडवोकेट प्रयागमति गुप्ता, इंचार्ज कैट ने अपने व्याख्यान में बताया कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 16 बताता है कि लिंग के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा। उन्होंने घरेलू हिंसा कानून के विषय में कहा कि कभी-कभी इसका दुरूपयोग भी किया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने बाल्यादेखभाल अवकाश तथा लव जिहाद पर भी विस्तार से चर्चा की।
एडवोकेट प्रयागमति गुप्ता ने 112 तथा 1090 पर चर्चा करते हुए बताया कि महिलाऐं इन नंबरों पर फोन करके सहायता प्राप्त कर सकती हैं तथा उनका नाम भी गोपनीय रखा जाता है। उन्होंने कहा कि हमें वैदिक काल की सशक्त नारियों अपाला, घोषा इत्यादि के विषय में पढ़ना चाहिए तथा उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने पोश एक्ट के विषय में भी छात्राओं को जानकारी दी।
इस सत्र में महिलाओं हेतु कानूनी प्रावधान विषय पर भी व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में अमित शर्मा, एडवोकेट, हाइकोर्ट उपस्थित थे। अमित शर्मा ने अपने व्याख्यान में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि हमारे देश के संविधान तथा कानून में महिलाओं की सुरक्षा तथा सशक्तिकरण के लिए बहुत से प्रावधान किए गए हैं। एक महिला के सशक्त होने से दो परिवार सशक्त बनते हैं तथा महिलाओं के विकास से संपूर्ण समाज तथा देश का विकास होता है।
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सप्तदिवसीय विशेष शिविर के पंचम दिवस का समापन वंदे मातरम् के गायन के साथ हुआ। शिविर में राष्ट्रीय सेवा योजना की चारों इकाईयों की कार्यक्रम अधिकारी डॉ ऐश्वर्या सिंह, डॉ श्वेता उपाध्याय धर, डॉ मनीषा बड़ौनियाँ एवं डॉ चंदन मौर्या उपस्थित रहीं।